बिहारवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य में अनिसाबाद से अरवल तक पुराना एनएच-98, जिसे अब एनएच-139 के नाम से जाना जाता है, को आवागमन के लिहाज से पहले से अधिक सुरक्षित और बेहतर बनाया जाएगा। इस 62 किलोमीटर लंबाई वाली सड़क के सुधार कार्य के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है। निर्माण एजेंसी का चयन प्रक्रिया जल्द ही मंत्रालय द्वारा शुरू की जाएगी, और 2025 के शुरुआती महीनों में इस सड़क के मरम्मत का काम आरंभ हो जाएगा। एनएच-98 के वर्तमान स्थिति को लेकर कई बार शिकायतें प्राप्त हुई थीं, जिसके चलते मंत्रालय ने इस सड़क की मरम्मत का प्रस्ताव स्वीकृत कर दिया है। जगह-जगह से जर्जर इस सड़क को सुधारने के लिए मंत्रालय ने आवश्यक टेंडर प्रक्रिया शुरू की है। टेंडर सोमवार को जारी किया जाएगा, और इच्छुक कंपनियां 11 दिसंबर तक अपने प्रस्ताव जमा कर सकेंगी। इसके बाद 13 दिसंबर को टेंडर खोला जाएगा और एजेंसी का चयन किया जाएगा।
झारखंड सीमा तक बेहतर कनेक्टिविटी, तीन जिलों को मिलेगा लाभ
यह सड़क केवल पटना को अरवल से जोड़ने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह झारखंड सीमा के हरिहरगंज तक सीधी कनेक्टिविटी देती है। इस एनएच-139 का उपयोग पटना से झारखंड के पलामू, गढ़वा, और मेदिनीनगर जैसे स्थानों तक जाने के लिए किया जाता है। सड़क की मरम्मत के बाद आवागमन न केवल आसान होगा, बल्कि समय की भी बचत होगी। इस मार्ग के विकास से पटना और अन्य शहरों से झारखंड की यात्रा अब सुगम हो जाएगी। सड़क सुधार कार्यों के साथ-साथ इसके किनारे हरियाली बढ़ाने के लिए भी मंत्रालय ने योजना बनाई है। निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क के दोनों ओर सार्वजनिक खाली स्थानों पर पौधारोपण किया जाएगा, जिससे क्षेत्र में हरित आवरण में वृद्धि होगी। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और स्थानीय वातावरण को शुद्ध रखने में मददगार साबित होगा।
मार्ग के विकास से आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि की उम्मीद
सड़क मार्ग में सुधार से केवल यातायात सुगमता ही नहीं बढ़ेगी, बल्कि इससे इस रूट पर व्यवसायिक गतिविधियों में भी वृद्धि होगी। बेहतर कनेक्टिविटी होने से किसानों, व्यापारियों, और आम नागरिकों को अधिक सहूलियत मिलेगी, जो राज्य और झारखंड की अर्थव्यवस्था को भी गति देगा। नई सड़क परियोजना से उम्मीद है कि यह पटना से झारखंड के मध्य व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगी। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने घोषणा की है कि इस सड़क की मरम्मत का काम 2025 के शुरुआती महीनों तक पूरा कर लिया जाएगा। इस नई योजना के तहत पुराने जर्जर एनएच-98 को एक बार फिर से बिहार और झारखंड के लिए मजबूत और सुरक्षित यातायात का माध्यम बनाया जाएगा