PATNA: बिहार में जमीन सर्वे का काम जारी है. इसे लेकर सूबे में अफरा तफरी का माहौल है. सर्वे में एक बात सामने आ रही है कि सरकारी भूमि का अतिक्रमण किया गया है. सरकार भी मान रही है कि भू माफियाओं ने सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर रखा है, वे लोग भूमि सर्वेक्षण कराने के निर्णय से परेशान हैं. हालांकि सरकारी भूमि पर कब्जा के खेल में सरकारी अधिकारी ही भू माफियाओं की मदद करते हैं. इसी तरह के एक मामले में बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को सस्पेंड किया गया है. बता दें, राजस्व पर्षद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सूबे से सबसे चर्चित और कड़क आईएएस अधिकारी केके पाठक संभाल रहे हैं. राजस्व पर्षद ने ही बेतिया राज में हो रही गड़बड़ी को पकड़ा है और व्यवस्थापक अविनाश कुमार को सस्पेंड करने की सिफारिश की.
राजस्व पर्षद के अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल रहे केके पाठक
नीतीश सरकार ने बिहार प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है. सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से इस संबंध में पत्र जारी किया गया है.सरकार के पत्र में कहा गया है कि राजस्व पर्षद ने 30 अगस्त 2024 को बेतिया राज्य के व्यवस्थापक अविनाश कुमार के खिलाफ कार्रवाई को लेकर आरोप पत्र भेजा. जिसमें कहा गया कि अविनाश कुमार ने राजस्व पर्षद के अनुमोदन के बिना ही अनुचित ढंग से बेतिया राज्य के कर्मी सुरेश राउत को अपने पद से उच्चतर पद का वित्तीय एवं प्रशासनिक कार्य करने के लिए प्राधिकृत कर दिया. बेतिया राज से संबंधित न्यायिक वादों में कोर्ट के सामने सरकार का पक्ष सही तरीके से नहीं रखा. न्यायिक वादों के निष्पादन में रुचि नहीं ली. बेतिया राज के प्रबंधन के संबंध में समुचित कार्रवाई नहीं की. बेतिया राज के प्रबंधन को लेकर समुचित कार्रवाई नहीं की. बेतिया राज की भूमि का सर्वेक्षण, अतिक्रमण मुक्ति से संबंधित कार्य में रुचि नहीं ली. बिना सक्षम प्राधिकार के पूर्व अनुमति के अनुपस्थित रहे. कार्य में लापरवाही बरती.
मैनेजर को किया गया सस्पेंड
इन आरोपों के लिए राजस्व पर्षद ने 30 अगस्त को आरोप पत्र गठित कर सामान्य प्रशासन विभाग को उपलब्ध कराया. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने बिहार प्रशासन सेवा के अधिकारी सह बेतिया राज के व्यवस्थापक अविनाश कुमार को निलंबित कर दिया है. निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय पटना कमिश्नर कार्यालय निर्धारित किया गया है.