Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2025: उज्ज्वला योजना 2025 की बड़ी घोषणा! 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी, 10.33 करोड़ से अधिक लाभार्थी परिवारों को मिलेगा फायदा
Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2025: वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी। जानें कैसे 10.33 करोड़ परिवारों को मिलेगा फायदा और महिलाओं के जीवन स्तर में होगा सुधार।

Pradhan Mantri Ujjwala Yojana 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 9 अगस्त 2025 को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत 12,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी गई। इस सब्सिडी का सीधा लाभ देश के 10.33 करोड़ से अधिक लाभार्थी परिवारों को मिलेगा।
यह कदम सिर्फ आर्थिक राहत नहीं, बल्कि महिलाओं और वंचित वर्ग के जीवन स्तर को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। योजना के तहत पात्र परिवारों को प्रति वर्ष 9 गैस सिलेंडरों पर 300 रुपये प्रति सिलेंडर की सब्सिडी दी जाएगी। इससे घरेलू बजट पर भार कम होगा और रसोई में स्वच्छ ईंधन के इस्तेमाल को प्रोत्साहन मिलेगा।
योजना की शुरुआत और अब तक का सफर
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत मई 2016 में हुई थी। उस समय उद्देश्य था—गरीब परिवारों की महिलाओं को बिना किसी सुरक्षा जमा के एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराना।अब तक 1 जुलाई 2025 तक योजना के अंतर्गत लगभग 10.33 करोड़ कनेक्शन दिए जा चुके हैं।उज्ज्वला योजना 2.0 के तहत सरकार ने पहला रिफिल और चूल्हा मुफ्त देने की सुविधा भी शुरू की। इससे ग्रामीण क्षेत्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में एलपीजी के उपयोग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
सामाजिक और आर्थिक महत्व
भारत अपनी रसोई गैस जरूरतों का लगभग 60% आयात करता है। ऐसे में सब्सिडी का यह कदम महंगाई और वैश्विक बाजार की अनिश्चितताओं के बीच घरेलू उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी राहत है।आर्थिक दृष्टि से यह फैसला ईंधन पर खर्च होने वाले घरेलू बजट को कम करेगा, जिससे परिवारों के पास शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य जरूरी जरूरतों पर खर्च करने के लिए अधिक संसाधन बचेंगे।सामाजिक दृष्टि से यह योजना महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार और रसोई में धुएं से होने वाली बीमारियों को कम करने में मदद करेगी।
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में कदम
उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य सिर्फ ईंधन उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि महिलाओं को सशक्त बनाना है।पारंपरिक ईंधन के इस्तेमाल से जहां महिलाओं को स्वास्थ्य संबंधी खतरे झेलने पड़ते थे, वहीं एलपीजी ने उन्हें समय और ऊर्जा की बचत दी है।इससे महिलाएं शिक्षा, रोजगार और अन्य रचनात्मक कार्यों में अधिक समय दे पा रही हैं। यह बदलाव ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाओं के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रहा है।