PATNA: बिहार में भूमि सर्वे का काम जारी है. जमीन के सर्वेक्षण में रैयतों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इधऱ, सरकार हर हाल में भूमि सर्वेक्षण कराने की बात कह रही है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने शुक्रवार को सर्वे कार्य की समीक्षा की. विभाग के अधिकारियों ने पाया कि दो जिलों में रफ्तार काफी धीमी है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने बताया कि सूबे के कई जिलों में स्वघोषणा की संख्या काफी कम है. खासकर गोपालगंज और पूर्वी चंपारण में स्वघोषणा की संख्या काफी कम संख्या में प्राप्त हुआ है. इन जिलों में सर्वे का अनुश्रवण ठीक से नहीं करने के कारण वहां के बंदोबस्त पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस देने का निदेश निदेशक, भू-अभिलेख एवं परिमाप को दिया गया है। साथ ही ऑफलाइन मोड में प्राप्त आवेदनों को शीघ्र ऑनलाइन करने का निदेश बंदोबस्त पदाधिकारियों का दिया गया।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने कहा कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व सर्वे को लेकरअफवाह फैला रहे हैं। आमलोगों को इसपर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। अभी स्वघोषणा का काम प्रदेश के 445 अंचलों में चल रहा है। साथ ही सभी मौजों का प्रपत्र-5 यानि तेरीज लिखने का काम जारी है। आनेवाले समय में इसमें और तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में राज्य के उन 43041 गांवों की समीक्षा की गई जहां भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू है। इन सभी गांवों में सर्वेक्षण की उद्घोषणा कर दी गई है. इसमें से 42561 गांवों को ही निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। बाकि 480 मौजों को अगले एक सप्ताह में अपलोड करने का निदेश बंदोबस्त पदाधिकारियों को दिया गया।
बैठक से स्पष्ट हुआ कि कुल मौजों में से 41333 मौजों में ग्राम सभा का आयोजन किया जा चुका है। लेकिन निदेशालय की वेबसाइट पर 37974 मौजों को ही अपलोड किया गया है। वेबसाइट पर अपलोड करने के बाद मौजा में हुई सभा का फोटो एवं कार्यवाही को देखा जा सकता है। प्रपत्र-2 में स्वघोषणा की समीक्षा से पता चला कि अभी तक 36 लाख के करीब लोगों ने स्वघोषणा को समर्पित किया है। रैयतों ने करीब 25 लाख स्वघोषणा को शिविरों में जाकर ऑफलाइन एवं करीब 11 लाख ऑन लाइन समिट किया है।
सचिव जय सिंह ने कहा कि विभाग की कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा लोग ऑनलाइन अपनी जमीन का ब्यौरा यानि स्वघोषणा सर्वे निदेशालय की वेबसाइट dlrs.bihar.gov.in पर अपलोड करें। जितना कागजात उपलब्ध है उसे ही प्रपत्र-2 के साथ संलग्न किया जाना है। अगर जमीन खतियानी है तो वंशावली खुद से बनाएं, कोई परेशानी नहीं होगी।आज की बैठक में प्रपत्र-5 यानि खतियान का सार लिखने के काम की भी समीक्षा की गई। सभी जिलों में 20526 मौजों में खतियान लिखने का काम शुरू किया गया है जिसमें 8737 मौजों में खतियान का सार यानि तेरीज लिखने का काम पूर्ण भी कर लिया गया है। खतियान लिखने के काम को और तीव्र करने का निदेश बंदोबस्त पदाधिकारियों को दिया गया। बैठक में उपस्थित भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक जे0 प्रियदर्शिनी ने सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को तकनीकी रूप से दक्ष होने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि सर्वे की सभी प्रक्रिया ऑनलाइन है इसलिए इसकी प्रगति की समीक्षा बगैर तकनीकी दक्षता के संभव नहीं है। सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को बिहार सर्वे ट्रैकर एप की मदद से अपने कर्मियों के कार्यों का मूल्यांकन करने की निदेश दिया गया। बिहार सर्वे ट्रैकर एप की मदद से अपने मोबाइल फोन के जरिए कोई भी रैयत अपने गांव में सर्वे की गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकता है और उसमें भाग ले सकता है।