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Bihar news: बिहार के एक DGP ने CM नीतीश से कहा, रिटायर्ड IAS अफसर को सलाहकार बनाना है तो बनाएं.....मैं चला, जो सलाह दे, वही क्रियान्वित भी करे, फिर तो...

Bihar news: बिहार के एक DGP ने CM नीतीश से कहा, रिटायर्ड IAS अफसर को सलाहकार बनाना है तो बनाएं.....मैं चला, जो सलाह दे, वही क्रियान्वित भी करे, फिर तो...

PATNA: बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अभयानंद को कौन नहीं जानता . बिहार में डीजीपी रहते इन्होंने कई कदम उठाये, जिन्हें आज भी याद किया जाता है. ईमानदार,कड़क और पुलिस में सुधार करने में अगर किसी डीजीपी की चर्चा होगी वो अभयानंद होंगे. नीतीश सरकार में बतौर डीजीपी रहते कानून का राज स्थापित करने को लेकर इनके कार्य़ अविस्मरणीय हैं. आज जब बिहार में कानून व्यवस्था बेपटरी है, अपराधियों के मन से पुलिस का खौफ खत्म हो गया है. लॉ एंड ऑर्डर को लेकर नीतीश सरकार की काफी फजीहत हो रही है. ऐसे में फिर से कानून का राज स्थापित करने के लिए अभयानंद जैसे कड़क और ईमानदार डीजीपी की जरूरत है. बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद पुरानी बातों को याद करते हैं. कहते हैं कि कानून व्यवस्था का सलाहकार डीजीपी से बेहतर और कौन हो सकता है ? एक बार मेरे डीजीपी रहते हुए सरकार एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को विधि व्यवस्था सलाहकार नियुक्त कर रही थी. तब हमने स्पष्ट कर दिया था.......जो सलाह दे, वही क्रियान्वित भी करेगा, मैं चला. 

DGP ही सलाहकार रहेगा अन्यथा मैं चला

सरकार में इन दिनों सलाहकार नियुक्त करने का प्रचलन बढ़ा है. रिटायर्ड आईएएस अधिकारी फिर से सरकार में सेट होना चाहते हैं. मुख्यमंत्री को प्रभावित कर रिटायर्ड अधिकारी खुद को सलाहकार बनने की कोशिश में रहते हैं. बिहार के पूर्व डीजीपी अभयानंद पुराने दिनों को याद करते हैं. कहते हैं कि 2013 में वे डीजीपी थे, तब भी ऐसी ही बात सामने आई थी. एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को कानून व्यवस्था का सलाहकार नियुक्त किया जा रहा था. अभयानंद ने उन दिनों की बात को अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, लिखते हैं कि ''वर्ष 2013 में सरकार एक सेवानिवृत्त IAS अधिकारी को विधि-व्यवस्था सलाहकार नियुक्त कर रही थी. मैंने स्पष्ट कर दिया कि DGP ही सलाहकार रहेगा अन्यथा मैं चला..जो सलाह दे, वही क्रियान्वित करे.''

 25 अगस्त 2011 को डीजीपी नियुक्त हुए थे अभयानंद 

बिहार कैडर के तेजतर्रार आईपीएस अधिकारी अभयानंद को 25 अगस्त 2011 कोबिहार का डीजीपी नियुक्त किया गया था. उन्होंने 31 अगस्त 2011 को राज्य के 48वें डीजीपी के रूप में कार्यभार संभाला था. अभयानंद ने 2011 से 2014 तक बिहार के डीजीपी के रूप में कार्य किया.

अभयांनद को पुलिस में व्यापक सुधार करने वाले डीजीपी के रूप में जाना जाता है

अभयानंद को बिहार में पुलिस सुधार रूपी डीजीपी के रूप में जाना जाता है.आपराधिक कांडों की त्वरित सुनवाई और अपराधियों को सजा दिलाने को लेकर स्पीडी ट्रायल कराने की शुरूआत इन्होंने ही कराई थी.  जिला न्यायपालिका ने स्पीडी ट्रायल के माध्यम से बड़ी संख्या में अपराधियों को सजा सुनाई थी.अभयानंद ने कल्पना की थी कि अपराध करने वालों को जल्द सजा दिलाई जाय तो कानून तोड़ने वालों में कानून का डर पैदा होगा. इस पहल ने दुनिया भर में कई लोगों का ध्यान बिहार की तरफ खींचा थी .धीरे-धीरे स्पीडी ट्रायल की रफ्तार सुस्त पड़ गई. वर्तमान में स्पीडी ट्रायल से सजा दिलाने की रफ्तार काफी धीमी हो गई है. लिहाजा अपराधियों का मनोबल फिर से सातवें आसमान पर है. उनके मन से कानून का भय समाप्त हो गया है. 

पूर्व सैन्यकर्मियों की बहाली अभयानंद ने ही कराई 

पुलिस को ताकतवर बनाने को लेकर भी अभयनांद ने कई कदम उठाए.अभयानंद ने सेवानिवृत्त सैन्यकर्मियों की भर्ती करने का विचार लेकर आए। यह देखते हुए कि पूर्व सैन्यकर्मी पहले से ही हथियारों और युद्ध में प्रशिक्षित थे, उनके लिए कोई अतिरिक्त समय की आवश्यकता नहीं थी। वे पहले दिन से ही योगदान देने के लिए तैयार थे। नीतीश सरकार ने इस विचार को अपनाया और कुछ ही दिनों में बिहार सरकार ने पूर्व सैन्यकर्मियों की भर्ती की,जिसे सैप के नाम से जानते हैं. आज भी यह व्यवस्था जारी है. 


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