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Jdu Politics: जेडीयू राज्य कार्यकारिणी में 'संगत-पंगत' और 'सम्मान संवाद' चलाने का प्रस्ताव पेश, CM नीतीश के समक्ष इसके फायदे गिनाए गए...

Jdu Politics: जेडीयू राज्य कार्यकारिणी में 'संगत-पंगत' और 'सम्मान संवाद' चलाने का प्रस्ताव पेश, CM नीतीश के समक्ष इसके फायदे गिनाए गए...

Jdu Politics:  जनता दल यूनाइटेड राज्य कार्यकारिणी की बैठक में पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से एक्टिव करने का प्रस्ताव लाया गया है. साथ ही सहयोगी दलों के निचले स्तर के कार्यकर्ताओं से घुलने-मिलने के लिए कार्यक्रम चलाने पर जोर दिया गया है. जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में सांगठनिक प्रस्ताव में 'सम्मान संवाद' और 'संगत-पंगत' कार्यक्रम चलाने का प्रस्ताव पेश किया गया . बताया गया है कि आगामी विधानसभा चुनाव में इन दोनों अभियान से काफी फायदा होगा. 

'सम्मान संवाद' चलाने की जरूरत है

 जनता दल यूनाइटेड राज्य कार्यकारिणी की बैठक में संगठन संबंधी प्रस्ताव पेश किए गए। जिसमें कहा गया है कि यह बैठक महसूस करती है कि समता पार्टी के समय के पुराने पदाधिकारी और कार्यकर्ता कमोबेश आज भी हमारे साथ हैं. कहीं दूसरी जगह नहीं गए हैं .अनेक वजहों से वे सक्रिय नहीं हैं. ऐसे में उनसे संवाद करने की जरूरत है. इसके लिए 'सम्मान संवाद' कार्यक्रम चलाकर उनसे जुड़ा जा सकता है. अपने वरिष्ठ लोगों के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए सम्मान संवाद कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए. 

'संगत-पंगत' अभियान चलाना जाना चाहिए

वहीं, राज्य कार्यकारिणी ने 'संगत-पंगत' कार्यक्रम चलने का भी प्रस्ताव पेश किया है. इसमें कहा गया है कि एनडीए के प्रमुख घटक दल होने के नाते हमें अपने सहयोगी दलों के साथ समन्वय बहुत ही जरूरी है. घटक दलों के नेताओं के बीच तो संबंध और सहकार रहता है, लेकिन जमीनी स्तर पर भी संवाद रहे यह ज्यादा जरूरी है. इसके लिए संगत-पगत नाम से कार्यक्रम चलाया जा सकता है. जिसमें घटक दलों के कार्यकर्ता आपस में मिलते-जुलते रहें, साथ बैठें, चाय पीयें,साथ में खाना खाएं और विचार विमर्श करें. इससे आपस में निकटता बढ़ेगी और किसी प्रकार की गलतफहमी पैदा नहीं होगी. चुनाव के मौके पर विपक्षी दल या कुछ संगठित गिरोह अनेक प्रकार के भ्रम पैदा करने का प्रयास करते हैं. संगत-पंगत कार्यक्रम से संवाद का सिलसिला बना रहेगा और उसका लाभ चुनाव में मिलेगा.जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में राजनैतिक प्रस्ताव भी पेश किए गए. जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा-2025 लड़ा जायेगा. यह कार्यकारिणी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर फिर से एनडीए सरकार गठन करने का संकल्प लेती है.  

सांगठनिक और राजनैतिक प्रस्ताव हुए पेश 

 जदयू राज्य कार्यकारिणी की बैठक में राजनैतिक प्रस्ताव पेश किया गया. जिसमें कहा गया है कि बिहार में अब यह प्रचलित है.....नौकरी और रोजगार का मतलब नीतीश कुमार हैं. प्रस्ताव में आगे लिखा गया है कि राज्य कार्यकारिणी का मानना है कि वर्ष 2005 से सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का एकमात्र लक्ष्य बिहार का चौतरफा विकास रहा है. बिहारके विकास की रफ्तार हमेशा दहाई अंक में रही है. अपने सीमित संसाधन के बावजूद कुशल वित्तीय प्रबंधन और निरंतर प्रयास से बिहार में जो चलांग लगाई है उसी का परिणाम है कि आज विकास दर 14.47 तक पहुंच गई है. यदि विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज की सुविधा मिल गई होती तो यह अब तक देश के समृद्ध एवं विकसित राज्यों की श्रेणी में पहुंच गया होता.

नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनाने का संकल्प

राज्य कार्यकारिणी यह प्रसन्नता व्यक्त करती है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने बिहार को विशेष पैकेज देना प्रारंभ किया है. इससे बिहार के विकास की रफ्तार और तेज होगी. विकसित बिहार का लाभ देश को भी मिलेगा. केंद्र की एनडीए सरकार के इस सकारात्मक रूख का हम स्वागत करते हैं. हम प्रधानमंत्री मोदी को बधाई देते हैं कि उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया है. इससे बिहार सहित देश के करोड़ों संघर्षशील राजनीतिक कर्मियों और वंचित समूह का मान बढ़ा है. जनता दल यूनाइटेड राज्य कार्यकारिणी की यह बैठक मिशन-2025 को लक्ष्य कर कर आयोजित की गई है. यह कार्यकारिणी विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रभावकारी रणनीति और कार्यक्रम बनाने का समर्थन करती है. हम अपने सर्वमान्य नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक विजय प्राप्त कर बिहार में फिर से एनडीए की सरकार गठन का संकल्प लेते हैं.

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