लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर आई शिकायतों को गंभीरता से लेने की कड़े निर्देश के बाद भी कई जिलों के डीएम और एसपी लापरवाही बरत रहे हैं। कई जिलों में शिकायतों की समीक्षा की गई जिसमें से 70% से अधिक शिकायतकर्ताओं ने असंतुष्टि जाहिर की ऐसे में जिन जगहों के शिकायतकर्ताओं ने असंतुष्टि जाहिर की है उनके जिले के अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की गई है जवाब के आधार पर इन पर कार्रवाई भी की जा सकती है। आपको याद होगा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ दिन पहले ही एक उच्च स्तरीय बैठक की थी जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हेल्पलाइन और संपूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही पर नाराजगी भी जाहिर की थी साथ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि लापरवाह अधिकारियों की खैर नहीं है अधिकारियों से रिपोर्ट भी तलब की गई थी इसके बाद मुख्य सचिव ने इसकी समीक्षा की इसमें 1 से 25 सितंबर तक आई शिकायतों को आधार बनाया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत इसीलिए की थी ताकि जल्द से जल्द लोगों की समस्याओं का निस्तारण किया जा सके लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए मुख्यमंत्री ने यह बड़ा कदम उठाया था अब ऐसे में मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश के बाद भी अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। कई जिलों के डीएम और एसपी पर अब गाज गिरनी तय माना जा रहा है जहां पर शिकायतों के निस्तारण में लापरवाही बरती गई है उनकी अब खैर नहीं है।
समीक्षा में पाया गया कि देवरिया, भदोही, गोंडा, ललितपुर, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, आजमगढ़ और मीरजापुर में शिकायतों के निस्तारण का स्तर ठीक नहीं है। 70% से अधिक शिकायतकर्ताओं ने अपनी शिकायत के निस्तारण के फीडबैक में असंतोष जाहिर किया है। मुख्य सचिव ने इन जिलों के DM, SSP, SP को फटकार लगाते हुए इसमें सुधार करने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट सीएम को भी सौंपी जाएगी। तो वहीं प्रदेश के कुछ जिलों का अगस्त, सितंबर में IGRS और सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों का निस्तारण करने में अच्छा प्रदर्शन रहा है। अगस्त में औरैया, लखीमपुर खीरी और लखनऊ बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिलों में शामिल रहे। सितंबर में औरैया, लखीमपुर खीरी, मेरठ, सहारनपुर और गोरखपुर में शिकायतों के निस्तारण का स्तर ठीक मिला है।