France Chido cyclone: हिंद महासागर के द्वीप मायोट में चक्रवात चिडो ने भीषण तबाही मचाई है। 225 किमी/घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवाओं और मूसलाधार बारिश ने दर्जनों बस्तियों को बर्बाद कर दिया। यह तूफान पिछले 100 वर्षों में मायोट में आया सबसे भयानक चक्रवात माना जा रहा है। प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा में 1,000 से अधिक लोगों के मारे जाने की आशंका है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी बाकी है। लोगों ने इस तबाही की तुलना परमाणु विस्फोट से की है।
मायोट: हिंद महासागर में फ्रांसीसी द्वीप
मायोट हिंद महासागर में अफ्रीका के पूर्वी तट पर, मेडागास्कर के पश्चिम में स्थित एक द्वीप है। यह द्वीप फ्रांस का हिस्सा है, हालांकि यह यूरोपीय संघ का सबसे पिछड़ा क्षेत्र है। यहां की आबादी लगभग 3.2 लाख है, जिसमें से 77% लोग गरीबी रेखा से नीचे रहते हैं।
📌 View of the devastating damage caused by Cyclone Chido in Mayotte, France 🇫🇷 pic.twitter.com/5KtVVJNHp6
— Akıncı (@Aknc35624923) December 15, 2024
लेवल-4 का विनाशकारी तूफान
फ्रांस के मौसम विभाग ने चिडो को लेवल-4 का तूफान बताया है। यह चक्रवात दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर से शुरू हुआ और मेडागास्कर तथा मायोट में भारी तबाही मचाने के बाद मोजाम्बिक की ओर बढ़ा। हालांकि, फिलहाल इसकी तीव्रता कम हो गई है।
बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान
बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप।
प्रमुख सड़कें टूट गईं।
हजारों लोग भोजन, पानी और आवास के संकट से जूझ रहे हैं।
मायोट के निवासियों का दर्द
मायोट के ममूदजौ गांव के निवासी मोहम्मद इस्माइल ने कहा, "ऐसा लगता है कि हम परमाणु युग के बाद के दौर में जी रहे हैं। मैंने अपनी आंखों के सामने एक पूरा मोहल्ला गायब होते देखा है।"
भुखमरी का संकट
तीन दिनों से पानी की आपूर्ति बंद है, जिससे भुखमरी और प्यास का संकट पैदा हो गया है।
अंतरराष्ट्रीय मदद और फ्रांस की प्रतिक्रिया
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि वह मायोट की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भरोसा दिलाया है कि यूरोपीय संघ जल्द ही प्रभावित क्षेत्र में सहायता प्रदान करेगा।
फ्रांस का बचाव अभियान
बचावकर्मी और फ्रांस की सेना जीवित बचे लोगों की तलाश में जुटी हुई है।
फ्रांसीसी गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलो सोमवार को मायोट का दौरा करेंगे।
मायोट का आर्थिक संकट
मायोट यूरोपीय संघ का सबसे गरीब इलाका है। यहां 1 लाख से अधिक अवैध प्रवासी रहते हैं। गरीबी और सीमित बुनियादी ढांचे ने इस चक्रवात के प्रभाव को और भी घातक बना दिया।