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ऐसी खौफनाक प्रथा, जिसमें परिजनो की लाश के राख को पीते हैं लोग, जानें कौन है वो?

ऐसी खौफनाक प्रथा, जिसमें परिजनो की लाश के राख को पीते हैं लोग, जानें कौन है वो?

Yanomami People Drinks Dead Peoples Ashes: दक्षिण अमेरिका में पाई जाने वाली यानोमामी जनजातिजाती है विशेषकर वेनेजुएला और ब्राजील के जंगलों में रहती है। उनकी अंतिम संस्कार की परंपरा बेहद अनोखी और हैरान करने वाली है। इस जनजाति में एंडोकैनिबेलिज्म की प्रथा का पालन किया जाता है, जिसमें वे अपने मृत परिजनों की राख का सूप बनाकर पीते हैं। यह परंपरा उनकी सांस्कृतिक धारणाओं और आध्यात्मिक मान्यताओं से जुड़ी है।

जब यानोमामी जनजाति में किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके शव को पत्तों और अन्य प्राकृतिक चीजों से ढक दिया जाता है। कुछ समय बाद शव को जलाकर उसकी राख को इकट्ठा किया जाता है। इस राख को सूप में मिलाकर जनजाति के सदस्य पीते हैं, क्योंकि उनका मानना है कि इससे मृतक की आत्मा को शांति मिलती है। यानोमामी लोग मानते हैं कि मृतक की आत्मा की सुरक्षा तभी हो सकती है जब उसके शरीर का एक हिस्सा उसके करीबी रिश्तेदारों द्वारा खाया जाए।

यानोमामी जनजाति के परंपरा का मकसद

इस परंपरा का उद्देश्य मृतकों को सम्मान देना और उनकी आत्मा की रक्षा करना है, ताकि वह आत्मा भटकती न रहे। यह प्रक्रिया उनकी आध्यात्मिकता और सामुदायिक संबंधों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो पश्चिमी सभ्यता से काफी भिन्न और अद्वितीय है। यानोमामी जनजाति आधुनिक दुनिया से अलग रहने के लिए जाने जाते हैं। इनकी आबादी लगभग 35 हजार के करीब है।

राख खाने की पीछे की वजह

बाहरी लोगों को मरे हुए लोगों की राख पीने की परंपरा परेशान कर सकती है। लेकिन यानोमामी के लिए यह एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अभ्यास है। यानोमामी का मानना है कि किसी व्यक्ति की आत्मा (या "मोआमो") को केवल तभी आराम मिल सकता है जब शरीर पूरी तरह से नष्ट हो जाए।  उनका मानना है कि वे राख खाकर  मृतक को अपने पूर्वजों से मिला रहे हैं, जीवन और मृत्यु के चक्र को पूरा कर रहे हैं।


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