UP NEWS: करणी सेना यानी नई सियासत की आहट, भगवा पगड़ी और युवाओं के हाथों में लहराती तलवारें...

आगरा: राजनीतिक हलचलों के बीच करणी सेना ने राणा सांगा पर दिए गए बयान को लेकर आंदोलन छेड़ दिया है। शनिवार को आगरा के गढ़ी रामी में हुए ‘रक्त स्वाभिमान सम्मेलन’ में भगवा पगड़ी पहने हजारों युवा और हाथों में लहराती तलवारों की मौजूदगी ने इस आंदोलन की गंभीरता को साफ दिखा दिया। यह आंदोलन केवल विरोध नहीं, बल्कि राजनीतिक चेतना का संकेत बनता जा रहा है।
40 से ज्यादा क्षत्रिय संगठनों की एकजुटता
इस बार खास बात ये रही कि करणी सेना के नाम से अलग-अलग संगठन पहली बार एक मंच पर आए और ‘संयुक्त करणी सेना’ के नाम से आंदोलन की नींव रख दी गई। 40 से अधिक क्षत्रिय संगठनों ने हिस्सा लेकर इस बात के संकेत दिए कि यह आंदोलन लंबा और प्रभावशाली हो सकता है।
सपा सांसद रामजीलाल सुमन के बयान से भड़की चिंगारी
समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के राणा सांगा पर दिए गए विवादित बयान के बाद करणी सेना सड़कों पर उतर आई है। उनके इस बयान ने तमाम संगठनों को एक साथ आने के लिए प्रेरित किया। वहीं, सम्मेलन में जुटी भीड़ ने यह दिखा दिया कि आंदोलन का असर केवल सोशल मीडिया तक सीमित नहीं है।
क्षत्रिय, पिछड़े और दलित संगठनों को एक मंच पर लाने की कोशिश
इस आंदोलन की रणनीति सिर्फ एक जाति तक सीमित नहीं रही। सनातन संघ जैसे हिंदू संगठनों को भी साथ लाकर आंदोलन को जातीय सीमाओं से बाहर निकालने की कोशिश हुई। सनातन संघ, जिसमें सभी जातियों के लोग शामिल हैं, को जोड़ने का उद्देश्य यह भी था कि पिछड़े और दलित समाज के लोग भी आंदोलन से जुड़ें।
राजनीतिक दलों की बढ़ती दिलचस्पी
करणी सेना के इस सम्मेलन में भाजपा के केंद्रीय राज्यमंत्री एस.पी. सिंह बघेल सहित कई भाजपा नेता मंच पर मौजूद रहे। इसके अलावा जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और किसान संगठनों के प्रतिनिधि भी सम्मेलन में पहुंचे। यह दिखाता है कि यह केवल सामाजिक आंदोलन नहीं, बल्कि आगामी पंचायत और विधानसभा चुनावों की रणनीति का भी हिस्सा है।