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UP NEWS: पाकिस्तानी लड़की के प्यार में 'भाईजान' बन गए अलीगढ़ के बजरंगी बाबू, लड़की ने किया इनकार अब बुरे फंसे

UP NEWS: पाकिस्तानी लड़की के प्यार में 'भाईजान' बन गए अलीगढ़ के बजरंगी बाबू, लड़की ने किया इनकार अब बुरे फंसे

अलीगढ़: आज की डिजिटल दुनिया में सोशल मीडिया ने लोगों को जोड़ने में अहम भूमिका निभाई है, लेकिन कभी-कभी यह दोस्तियां अनचाहे मोड़ पर ले जाती हैं। ऐसा ही कुछ हुआ अलीगढ़ के नगला खटकारी गांव के रहने वाले 25 वर्षीय बादल बाबू के साथ, जिसने प्यार के जुनून में बिना वीजा और पासपोर्ट के पाकिस्तान की सरहद पार कर दी। यह कहानी किसी फिल्मी पटकथा जैसी लगती है, लेकिन इसके अंजाम ने पूरे परिवार को संकट में डाल दिया है।


सोशल मीडिया पर हुई दोस्ती, प्यार में बदली

बादल बाबू की कहानी की शुरुआत फेसबुक पर हुई एक दोस्ती से हुई। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मंडी बहाउद्दीन जिले के माउंग गांव की रहने वाली सना रानी से उसकी चैटिंग शुरू हुई। दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई, और दोनों ने साथ में जिंदगी बिताने के सपने देखे। प्यार के इस खुमार में डूबे बादल ने सना से मिलने का फैसला किया। उसने परिवार और कानून की परवाह किए बिना अक्तूबर 2024 में पाकिस्तान की सीमा पार कर ली।


प्रेमिका ने किया इनकार, बढ़ी मुश्किलें

पाकिस्तान पहुंचने पर जब बादल अपनी प्रेमिका सना से मिला, तो उसे एक बड़ा झटका लगा। सना ने शादी से साफ इनकार कर दिया। ठुकराए जाने के बावजूद, बादल वहीं रुक गया और अपनी पहचान बदलकर रहने लगा। लेकिन दिसंबर में, स्थानीय लोगों को उस पर शक हुआ और उन्होंने पुलिस को सूचना दे दी। पाकिस्तान पुलिस ने मंडी बहाउद्दीन से उसे गिरफ्तार किया और अदालत में पेश किया।


कानूनी उलझनों में फंसा प्यार

बादल बाबू ने पूछताछ के दौरान अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसने बताया कि यह तीसरा प्रयास था जब वह पाकिस्तान की सीमा पार करने में सफल हुआ। उसने यह भी दावा किया कि वह इस्लाम कबूल करने की तैयारी में था। 24 जनवरी 2025 को उसे एक बार फिर अदालत में पेश किया गया। हालांकि, चार्जशीट समय पर न पहुंचने के कारण उसकी जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट ने उसे जेल में ही रखने का आदेश दिया। अब उसकी अगली सुनवाई फरवरी में होगी।


परिवार की बेबसी और दर्द

बादल के पिता कृपाल सिंह का कहना है कि उनका बेटा भावनाओं में बहकर गलत कदम उठा बैठा। उन्होंने हाल ही में वीडियो कॉल पर उससे बात की। पहले तो बादल अपने पिता को देखते ही फफक पड़ा, लेकिन फिर उसने खुद को संभालने की कोशिश की। कृपाल सिंह ने बताया कि सना और उसकी मां ने बादल को पाकिस्तान बुलाया था। अब परिवार बेटे की वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।


सोशल मीडिया और भावनाओं की सच्चाई

यह घटना एक बड़ा सबक है। सोशल मीडिया पर बनी दोस्तियां और रिश्ते असल जिंदगी में कई बार उतने सहज नहीं होते, जितने वे दिखते हैं। भावनाओं में बहकर लिए गए फैसले न केवल कानून का उल्लंघन कर सकते हैं, बल्कि जिंदगी को मुश्किलों से भर सकते हैं। बादल बाबू की यह कहानी बताती है कि बिना सोच-समझे उठाए गए कदम कैसे जिंदगी को पूरी तरह बदल सकते हैं। सोशल मीडिया का उपयोग सावधानी से करना चाहिए। सीमाओं, कानूनों और संस्कृति की परवाह किए बिना कोई भी कदम उठाने से पहले उसके परिणामों पर विचार करना बेहद जरूरी है।


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