UP NEWS: लखनऊ में ऑनलाइन गेम फ्री फायर में 14 लाख हारने के बाद 13 वर्षीय मासूम ने की आत्महत्या, परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

UP NEWS: लखनऊ में ऑनलाइन गेम फ्री फायर में 14 लाख हारने के ब

लखनऊ: राजधानी लखनऊ से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां 13 वर्षीय यश ने ऑनलाइन गेम फ्री फायर खेलते हुए पिता के बैंक खाते से पूरे 14 लाख रुपये गंवा दिए। लगातार हार और रकम वापस लाने की कोशिशों में असफल रहने पर वह मानसिक तनाव में आ गया। किसी से अपनी परेशानी साझा न कर पाने और गहरी हताशा के चलते सोमवार रात उसने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली।


बेटे को खोकर टूटे मां-बाप

यश के पिता सुरेश किसान हैं और मां विमला गृहणी। बेटे की मौत से दोनों बेसुध हैं। पिता बार-बार सिर्फ एक ही बात दोहराते हैं— "पैसे तो आ जाते बेटा, लेकिन तू क्यों चला गया... तूने हमें बताया क्यों नहीं।"सुरेश का कहना है कि यदि बेटे ने एक बार भी उनसे अपनी परेशानी साझा की होती तो वह उसे डांटते नहीं, बल्कि मदद करते।


कैसे उजागर हुआ पूरा मामला

सुरेश ने बताया कि सोमवार को वह बैंक से 20 हजार रुपये निकालने गए। लेकिन खाते में शून्य बैलेंस देखकर उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। बैंक मैनेजर से स्टेटमेंट निकलवाया तो सामने आया कि खाते से 14 लाख रुपये पिछले डेढ़ महीने में ऑनलाइन गेम फ्री फायर पर खर्च किए गए थे। इससे पहले कि सुरेश घर आकर बेटे से सवाल-जवाब करते, उसी दिन रात को यश ने अपने कमरे में फंदा लगाकर जान दे दी।


गेम की लत और बदलता व्यवहार

परिजनों ने बताया कि यश पिछले कुछ महीनों से फ्री फायर का दीवाना हो गया था। स्कूल से आते ही मोबाइल फोन लेकर बैठ जाता और घंटों खेलता रहता। कुछ दिनों से उसका व्यवहार भी बदला हुआ था। वह चुपचाप रहता, किसी से ठीक से बात नहीं करता। मगर परिवार समझ नहीं सका कि बेटा किसी गहरे तनाव में है।


फोन का डाटा डिलीट कर गया यश

घटना से पहले सोमवार रात करीब 9 बजे अचानक सुरेश का मोबाइल रीसेट हो गया। कॉल लॉग, मैसेज, गैलरी, सोशल मीडिया अकाउंट और फ्री फायर समेत सारा डाटा डिलीट हो गया। माना जा रहा है कि यश ने आत्महत्या से ठीक पहले फोन रीसेट किया, ताकि उसके गेमिंग रिकॉर्ड और लेन-देन की जानकारी कोई न देख सके।


परिवार और समाज के लिए चेतावनी

यश की मौत ने एक बार फिर ऑनलाइन गेम्स के खतरनाक पहलू को उजागर कर दिया है। मनोवैज्ञानिकों के मुताबिक, इस तरह के गेम्स बच्चों में नशे जैसी लत पैदा कर देते हैं। लगातार हार से बच्चे तनाव, अवसाद और आत्महत्या जैसे कदम तक उठाने लगते हैं।