UP NEWS: लखनऊ में टीन शेड में पटाखा बनाते समय ब्‍लास्‍ट, 20 फुट हवा में उछला टीन शेड

UP NEWS: लखनऊ में टीन शेड में पटाखा बनाते समय ब्‍लास्‍ट, 20

लखनऊ: लखनऊ के गोसाईंगंज थाना क्षेत्र स्थित जौखंडी गांव में सोमवार को एक पटाखा फैक्ट्री में जबरदस्त विस्फोट हो गया। टिन शेड डालकर खेत में बनाए गए इस अस्थायी कारखाने में हुए धमाके की आवाज़ कई किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।


🔥 धमाके से उड़ा टिन शेड, फैक्ट्री हुआ पूरी तरह क्षतिग्रस्त

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट इतना तेज था कि फैक्ट्री का टिन शेड करीब 20 फीट ऊपर हवा में उछल कर दूर खेत में जा गिरा। पूरा कारखाना मलबे में तब्दील हो गया। कारखाने की दीवार के नीचे दबकर फैक्ट्री मालिक का चचेरा भाई सलमान गंभीर रूप से घायल हो गया। उसका पैर टूट गया है और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया।


🧯 फायर एक्स्टिंग्युशर चलाने में असफल रहा युवक, फिर हुआ धमाका

घटना के वक्त फैक्ट्री मालिक निसार किसी काम से बाहर गया हुआ था। दोपहर करीब 12:30 बजे निसार का चचेरा भाई सलमान खाना लेकर फैक्ट्री पहुंचा। उसने देखा कि फैक्ट्री से धुआं और चिंगारी निकल रही हैं। उसने फायर एक्स्टिंग्युशर से आग बुझाने की कोशिश की, लेकिन प्रशिक्षण न होने के कारण वह असफल रहा। इसी बीच फैक्ट्री में अचानक भयानक विस्फोट हो गया। धमाके से सलमान दीवार के नीचे दब गया। ग्रामीणों की मदद से उसे मलबे से बाहर निकाला गया और तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।

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🧨 लाइसेंसधारी फैक्ट्री थी, फिर भी लापरवाही के सवाल

फैक्ट्री संचालक निसार के पास 31 मार्च 2026 तक का वैध पटाखा निर्माण और भंडारण लाइसेंस है। उसने खेत में टिन शेड डालकर यह छोटा सा कारखाना बनाया था, जहाँ वह अपने परिवार के साथ मिलकर पटाखे बनाता और रखता था। हालांकि, घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – जैसे कि सुरक्षा उपकरणों की अनुपस्थिति, फायर सेफ्टी ट्रेनिंग की कमी, और पटाखा निर्माण के दौरान मानकों का पालन न होना।


👮‍♀️ जांच जारी, पुलिस व दमकल विभाग मौके पर पहुँचे

घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और राहत कार्य शुरू किया। पुलिस ने घटनास्थल को घेरकर जांच शुरू कर दी है। विस्फोट के कारणों का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक टीम भी बुलाए जाने की संभावना है।


📢 ग्रामीणों में दहशत, प्रशासन से सुरक्षा की मांग

घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि ऐसे खतरनाक कारखानों को रिहायशी इलाकों या खेतों के पास नहीं चलाना चाहिए। स्थानीय लोग प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि ऐसे कारखानों की नियमित जांच हो, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।