UP NEWS: हर 25 किमी पर बनेंगे चार्जिंग स्टेशन, इलेक्ट्रिक बसों को मिलेगी रफ्तार और राहत

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। अब इन बसों को न परमिट की जरूरत होगी, न ही रोड टैक्स देना पड़ेगा। यही नहीं, राज्य भर में हर 25 किलोमीटर पर एक आधुनिक ईवी चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किया जाएगा। यह पहल ना केवल पब्लिक ट्रांसपोर्ट को हरित बनाएगी, बल्कि निवेश और रोज़गार के नए रास्ते भी खोलेगी।
यूपी एनर्जी एक्सपो 2025: एक नई ऊर्जा क्रांति की झलक
लखनऊ के गोमतीनगर स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित हुआ तीन दिवसीय यूपी एनर्जी एक्सपो 2025, जिसमें आठ हज़ार से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश अब केवल एक उपभोक्ता राज्य नहीं, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र में एक आंदोलन बन चुका है।
नवाचारों से भरा आयोजन और उद्योग जगत की भागीदारी
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स, फर्स्टव्यू और यूपीनेडा के सहयोग से आयोजित इस एक्सपो में कई स्टार्टअप्स और कंपनियों ने अपने नवीन तकनीकों को प्रदर्शित किया। फर्स्टव्यू के सीईओ वरुण गुलाटी ने कहा, "अब यूपी केवल बाज़ार नहीं रहा, बल्कि एक हरित आंदोलन का अगुवा बन चुका है।"
बैटरी स्टोरेज सिस्टम में यूपी की मजबूत पकड़
यूपीपीसीएल के मुख्य अभियंता दीपक रायजादा ने बताया कि बैटरी स्टोरेज सिस्टम के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश में अग्रणी बन रहा है। राज्य में सौर ईपीसी (इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन) को बढ़ावा देने के लिए IIT कानपुर और बीएचयू जैसे संस्थानों की मदद से बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा रहा है।
ऊर्जा भंडारण और ग्रिड आधुनिकीकरण की दिशा में ठोस प्रयास
मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के वाणिज्यिक निदेशक योगेश कुमार ने बताया कि अभी भी उत्तर प्रदेश की बिजली आपूर्ति थर्मल पावर पर निर्भर है। गर्मियों में दोपहर और शाम के समय बिजली की मांग अत्यधिक होती है। ऐसे में जरूरत है कि ऑफ-पीक समय में उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को संग्रहित किया जाए ताकि डिमांड के समय ग्रिड पर दबाव न पड़े।
घरों में आत्मनिर्भरता: ग्रिड पर निर्भरता कम करने का सुझाव
विशेषज्ञों का मानना है कि जिन घरों में पर्याप्त सौर ऊर्जा उत्पादन हो रहा है, वहां बिजली को ग्रिड में भेजने के बजाय घरेलू उपयोग पर ज़ोर दिया जाना चाहिए। इससे ऊर्जा आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और उपभोक्ता सीधे लाभान्वित होंगे।
2050 तक कार्बन न्यूट्रल भारत की दिशा में तेजी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत के 2050 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के लक्ष्य को पाने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाना होगा। वर्तमान में उत्तर प्रदेश भारत के कुल ईवी उपयोग में 15% का योगदान दे रहा है। आने वाले वर्षों में यह संख्या और बढ़ेगी।
2030 तक इलेक्ट्रिक बसों का बढ़ता बेड़ा
सरकारी प्रयासों और पीपीपी मॉडल के सहयोग से 2030 तक उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक बसों का बेड़ा कई गुना बढ़ने वाला है। इसका असर सिर्फ पर्यावरण पर ही नहीं, बल्कि प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक संरचना पर भी पड़ेगा।