यौन उत्पीड़न के दोषी GST डिप्टी कमिश्नर पंकज कुमार बर्खास्त
महिला जीएसटी अधिकारी के साथ हुए यौन उत्पीड़न के आरोप में छह साल चली विभागीय जांच के बाद विभागीय जांच समिति की 37-पृष्ठों की रिपोर्ट में पंकज कुमार को सभी आरोपों में दोषी पाया गया है।
एक कड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए डिप्टी कमिश्नर (राज्य कर) पंकज कुमार को सेवा से बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई 2018 में एक महिला जीएसटी अधिकारी के साथ हुए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों के बाद, छह साल तक चली विस्तृत विभागीय जांच के बाद की गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने विभागीय जांच समिति की 37-पृष्ठों की रिपोर्ट में पंकज कुमार को सभी आरोपों में दोषी पाया गया है। यह मामला अगस्त 2018 में भोपाल के जहानुमा पैलेस होटल में हुई घटना से संबंधित है, जब पंकज कुमार ने काम के बहाने बुलाई गई महिला अधिकारी के साथ गाली-गलौज, मारपीट और यौन उत्पीड़न का प्रयास किया था। घटना के तुरंत बाद पीड़िता की शिकायत पर भोपाल में आपराधिक मुकदमा भी दर्ज किया गया था, जिसके चलते पंकज कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था और उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था।
लंबी कानूनी लड़ाई के बाद मिली न्याय की जीत
गिरफ्तारी और निलंबन के बाद, उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश शासन सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली-1999 के तहत औपचारिक विभागीय जांच शुरू की थी। कई सालों तक चली इस जांच के उपरांत, हाल ही में जमा की गई 37 पन्नों की रिपोर्ट ने आरोपों की पुष्टि करते हुए पंकज कुमार को दोषी ठहराया, जिसके परिणामस्वरूप उनकी बर्खास्तगी हुई है। यह विभागीय स्तर पर सबसे बड़ी सजा है। हालांकि, पंकज कुमार के खिलाफ चल रहे आपराधिक मुकदमे का ट्रायल अभी कोर्ट में जारी है, लेकिन इस बर्खास्तगी ने कार्यस्थल पर अनुशासन और नैतिकता के प्रति सरकार की सख्ती को दर्शाया है।
'यह हर महिला की सुरक्षा के लिए जीत है'
इस फैसले के बाद, पीड़ित महिला अधिकारी ने इसे 'सच की जीत' बताया। उन्होंने कहा कि पिछले छह सालों में उन्हें और उनके परिवार को बहुत कुछ सहना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। पीड़िता ने इस बर्खास्तगी को सिर्फ अपने लिए नहीं, बल्कि कार्यस्थल पर सुरक्षित महसूस करने की चाह रखने वाली हर महिला के लिए एक बड़ी और जरूरी जीत बताया है। यह निर्णय यह संदेश देता है कि उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों को भी उनके गलत आचरण के लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा, और कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि है।