सरकारी स्कूल में 'शिक्षा का सौदा': बच्चों के हाथों में होनी थी किताबें, प्रधानाध्यापक ने ₹11 किलो में कबाड़ में बेचीं

प्राइमरी स्कूल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहाँ बच्चों को मुफ्त बांटने के लिए आई 200 किलो नई किताबें कबाड़ में बेच दी गईं। ग्रामीणों द्वारा कबाड़ी को रंगे हाथों पकड़ने और वीडियो वायरल होने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया है।

सरकारी स्कूल में 'शिक्षा का सौदा': बच्चों के हाथों में होनी

Lucknow - राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित नेवाजखेड़ा प्राइमरी स्कूल से एक बेहद शर्मनाक मामला प्रकाश में आया है। जहाँ एक तरफ राज्य सरकार बच्चों को बेहतर शिक्षा के लिए मुफ्त किताबें मुहैया करा रही है, वहीं दूसरी तरफ इस स्कूल के प्रधानाध्यापक ने बच्चों के भविष्य को कबाड़ के भाव बेच दिया। स्कूल से करीब दो क्विंटल (200 किलो) किताबें ₹11 प्रति किलो की दर से कबाड़ में बेच दी गईं।

ग्रामीणों ने रंगे हाथ पकड़ा, वीडियो हुआ वायरल

मंगलवार दोपहर एक कबाड़ी स्कूल के भीतर से बोरियों में सामान भरकर बाहर निकल रहा था। स्कूल के बाहर मौजूद गांव के लड़कों को शक हुआ तो उन्होंने कबाड़ी की ठेलिया रुकवा ली। जब बोरियां खोली गईं, तो सब दंग रह गए—बोरियां कक्षा 1 से 5 तक की स्कूली किताबों से भरी हुई थीं। ग्रामीणों ने तुरंत इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। वीडियो में साफ दिख रहा है कि ठेलिया पर करीब छह बोरियां लदी हुई हैं।

एक तरफ किताबों की कमी, दूसरी तरफ कबाड़ में बिक्री

हैरानी की बात यह है कि लखनऊ के ग्रामीण और नगर क्षेत्रों के करीब 20 फीसदी बच्चों के पास अभी भी पाठ्यक्रम की पूरी किताबें नहीं हैं। कई स्कूलों ने किताबों की डिमांड भेजी हुई है जो अब तक पूरी नहीं हुई। ऐसे में नेवाजखेड़ा स्कूल के प्रधानाध्यापक ने अतिरिक्त किताबें दूसरे जरूरतमंद स्कूलों को देने के बजाय उन्हें निजी मुनाफे के लिए कबाड़ी को बेच दिया।

बीएसए की सख्त कार्रवाई के निर्देश

वीडियो वायरल होने के बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) विपिन कुमार ने मामले का संज्ञान लिया और मोहनलालगंज के खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) को जांच के आदेश दिए। एबीएसए की शुरुआती जांच में कबाड़ी ने बयान दर्ज कराया है कि उसने स्कूल से ही ये किताबें खरीदी थीं। बीईओ सुशील कनौजिया ने प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी कर पूछा है कि ये किताबें किस सत्र की थीं और इन्हें किसके आदेश पर बेचा गया।