UP NEWS: सपा सांसद ने योगी सरकार को घेरा कहा उत्तर प्रदेश में जंगलराज और गुंडई

आगरा: शुक्रवार दोपहर सपा के राज्यसभा सदस्य रामजी लाल सुमन ने अपने आवास पर करणी सेना के हमले के बाद मचे घमासान के बीच मीडिया से संवाद किया। उनके घर के बाहर टूटी कुर्सियों और कार्यकर्ताओं के जोशीले नारों को देख कर सुमन ने स्थिति का जायजा लिया और फिर मीडिया से बात की। कार्यकर्ताओं से मिलकर थके हुए सुमन ने घर के अंदर जाकर 20 मिनट तक अपनी परिवार के सदस्यों से पूरी घटना की जानकारी ली और उनके हाल-चाल का पता किया। इसके बाद उन्होंने प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश में जंगलराज और खुली गुंडागर्दी का माहौल है।
सुमन ने कहा, "यह हमला मेरे आवास पर नहीं, बल्कि पीडीए, दलितों और शोषितों पर हुआ है।" उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के शहर में होने के बावजूद पुलिस प्रशासन की इतनी लचर व्यवस्था थी कि हमलावर कई थानों से होते हुए बुलडोजर लेकर उनके घर तक पहुंच गए। रामजी लाल सुमन ने इसे सुनियोजित षड्यंत्र करार दिया। उनका कहना था कि "जनतंत्र में विरोध की अभिव्यक्ति के लिए प्रदर्शन या धरने देना जायज़ है, लेकिन यह हमला शुद्ध रूप से गुंडागर्दी है, यह अवांछित तत्वों का कृत्य था।"
सुमन ने यह भी कहा कि यह हमला व्यवस्थित तरीके से उनकी और उनके परिवार की नेस्तनाबूत करने की कोशिश थी, जो जंगलराज की स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने दुख जताया कि प्रशासन ने इस हमले को रोका नहीं और सब कुछ होने के बावजूद उनके घर पर हमला हुआ।
इस संदर्भ में सुमन ने यह भी आरोप लगाया कि यह वही लोग हैं जो मुख्यमंत्री न रहने के बाद अखिलेश यादव के आवास को गंगाजल से धोते हैं और दलितों के खिलाफ होते हैं। सुमन ने कहा, "यह वही लोग हैं जो दलितों की बारात नहीं चढ़ने देते। यह हमला पीडीए और दलितों के खिलाफ है।" सुमन ने यह स्पष्ट किया कि वह समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता हैं और पार्टी के फैसले के अनुसार काम करेंगे। वह पार्टी के नेताओं से इस मामले पर चर्चा करेंगे और जो पार्टी निर्देश देगी, वही करेंगे।
करणी सेना के नेता राणा सांगा के आगरा आने पर किए गए बयान को लेकर सुमन ने कहा कि प्रशासन से आग्रह करेंगे कि उचित व्यवस्था की जाए। उन्होंने यह भी बताया कि प्रशासन को पहले से जानकारी थी, लेकिन फिर भी हालात पर काबू नहीं पाया गया। राज्यसभा में राणा सांगा पर दिए गए बयान पर सुमन ने कहा कि उन्होंने पहले ही इस पर अपनी बात रख दी है, और अब जो कहना है, वह सदन में ही कहेंगे।