Bihar Ayushman Yojana: बिहार में आयुष्मान योजना में नई दरें लागू, ऑपरेशन में बढ़ी सरकारी मदद, सर्जरी के लिए भी मिलेंगे ज्यादा पैसे, लोगों की मिलेगी बड़ी राहत

Bihar Ayushman Yojana: अब बीमारी के नाम से कांपने वाले आम आदमी के चेहरे पर कुछ सुकून आएगा। आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने वालों के लिए बिहार सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है।

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बिहार में आयुष्मान योजना में नई दरें लागू- फोटो : social Media

Bihar Ayushman Yojana: अब बीमारी के नाम से कांपने वाले आम आदमी के चेहरे पर कुछ सुकून आएगा। आयुष्मान कार्ड से इलाज कराने वालों के लिए बिहार सरकार ने बड़ी राहत का ऐलान किया है। इलाज पर मिलने वाली रकम बढ़ा दी गई है, ताकि मरीजों को अस्पताल के चक्कर काटते वक्त जेब ढीली न करनी पड़े। नई दरें लागू भी कर दी गई हैं और इसका सीधा फायदा गरीब, मजदूर और मुफलिस परिवारों को मिलेगा, जिनके लिए इलाज अक्सर सिरदर्द बन जाता है।

बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के नए फैसले के मुताबिक अब गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन पर सरकार 32 हजार रुपये देगी। पहले इसके लिए सिर्फ 22 हजार 800 रुपये मिलते थे। यानी सीधे-सीधे 9 हजार 200 रुपये की बढ़ोतरी। आम भाषा में कहें तो अब मरीज को ऑपरेशन के वक्त कम मिन्नतें करनी पड़ेंगी और अस्पताल भी इलाज से पीछे नहीं हटेंगे।

इसी तरह किडनी में पथरी के इलाज की रकम भी बढ़ा दी गई है। पहले जहां सरकार 35 हजार रुपये देती थी, अब आयुष्मान भारत योजना के तहत 46 हजार रुपये तक का भुगतान किया जाएगा। यानी इलाज की राह में जो पैसों की दीवार खड़ी होती थी, उसमें अब बड़ी दरार पड़ गई है। इसके अलावा ज्यादातर सर्जरी वाले इलाजों में करीब 35 फीसदी तक राशि बढ़ा दी गई है, ताकि अस्पतालों को सही खर्च मिल सके और मरीजों को नि:शुल्क इलाज में कोई दिक्कत न हो।

हालांकि मोतियाबिंद के ऑपरेशन में अभी कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। इसे लेकर मरीजों की तरफ से पहले भी आवाज उठती रही है कि कम रकम के कारण परेशानी होती है। इन्हीं शिकायतों और लोगों की मजबूरी को देखते हुए बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति ने यह पहल की है।

इस पूरे मामले पर समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा ने साफ कहा है कि मरीजों की सहूलियत और इलाज की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर यह फैसला लिया गया है। भारत सरकार की सहमति के बाद ही नई दरें लागू की गई हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो आयुष्मान कार्ड अब सिर्फ एक कार्ड नहीं, बल्कि जरूरतमंदों के लिए इलाज का मजबूत सहारा बनता जा रहा है।