Premanand Maharaj ji: मथुरा-वृंदावन में प्रेमानन्द महाराज जी की पदयात्रा, भक्तों का उमड़ा जनसैलाब

मथुरा-वृंदावन: पूज्य संत श्री प्रेमानन्द महाराज की नित्य होने वाली पदयात्रा एक बार फिर भक्ति और आस्था का अद्भुत संगम बन गई। महाराज के दर्शन पाने के लिए हर रोज़ हजारों भक्त उनके कदमों का अनुसरण करते हैं और उनकी एक झलक पाने को आतुर रहते हैं।
पदयात्रा की शुरुआत
शुक्रवार को महाराज जी ने अपनी अलौकिक यात्रा श्री हित केली कुंज आश्रम से शुरू की। धीरे-धीरे अपनी धुन में मगन होकर चलते हुए उन्होंने भक्तों को दर्शन दिए। यह यात्रा राधा टीला तक चली, जहाँ भक्तों ने उनके सान्निध्य में पूर्ण भक्तिमय अनुभव का आनंद लिया। यात्रा मार्ग पर हर ओर “राधे-राधे” की गूंज थी, और भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था।
भक्तों का अभिवादन और महाराज की विनम्रता
पदयात्रा के दौरान प्रेमानन्द महाराज ने हाथ जोड़कर भक्तों का अभिवादन स्वीकार किया। उनका यह विनम्र और सहज भाव भक्तों के दिल को छू गया। हालांकि इस बार यात्रा में एक परिवर्तन देखने को मिला। आश्रम से राधा टीला तक की दूरी उन्होंने पैदल तय की, लेकिन वापसी में अपनी डिफेंडर गाड़ी का सहारा लिया और उसी में बैठकर आश्रम लौटे।
भक्तों की अटूट श्रद्धा
महाराज के दर्शन के लिए उमड़ी भीड़ उनकी लोकप्रियता और भक्तों की अटूट श्रद्धा को दर्शाती है। यह पदयात्रा सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि वृंदावन की धरती को प्रेम और भक्ति से सींचने वाला दिव्य महोत्सव है।
संत राजेंद्र दास महाराज का आगमन
हाल ही में सोशल मीडिया पर प्रेमानन्द महाराज के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएं बढ़ीं। बुधवार को मलूक पीठ के पीठाधीश्वर संत राजेंद्र दास महाराज उनसे मिलने उनके आश्रम पहुंचे। प्रेमानन्द महाराज उन्हें देखकर अपने आसन से खड़े हो गए और नतमस्तक हुए। इसके बाद उन्होंने संत की आरती की, उनके पांव धोए और पुष्प अर्पित किए। उनके साथ आए पूज्य भक्तमाली बिहारी दास और पूज्य गीता मनीषी ज्ञानानंद महाराज ने भी महाराज को दंडवत प्रणाम किया।
भक्ति और सम्मान का अद्भुत दृश्य
इस भव्य मिलन ने उपस्थित सभी भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। प्रेमानन्द महाराज की विनम्रता और संत राजेंद्र दास महाराज के आगमन ने वृंदावन में भक्ति और आदर का अद्भुत दृश्य प्रस्तुत किया।