UP NEWS: लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) ने लखनऊ में भव्य पदयात्रा कर बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को दी श्रद्धांजलि

लखनऊ: बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती के शुभ अवसर पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) उत्तर प्रदेश मध्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में एक विशाल पदयात्रा का आयोजन किया। यह पदयात्रा पार्टी के लखनऊ ज़िला अध्यक्ष शंभू नाथ गुप्ता के नेतृत्व में निकाली गई, जो लगभग दो किलोमीटर की दूरी तय करती हुई बाबा साहब की प्रतिमा तक पहुंची। वहाँ सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष ने डॉ. अंबेडकर को याद करते हुए कहा, "बाबा साहब केवल एक नाम नहीं हैं, वे एक विचारधारा हैं, एक क्रांति हैं, जिन्होंने न केवल वंचितों और शोषितों को हक दिलाया, बल्कि पूरे भारत को एक नया दृष्टिकोण दिया। वे भारत के संविधान निर्माता ही नहीं, बल्कि सामाजिक समता, न्याय और बराबरी के सबसे बड़े प्रहरी थे।"
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय रामविलास पासवान पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने संसद में बाबा साहब की तस्वीर लगवाकर उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान दिलवाया। उन्होंने हमेशा यह सुनिश्चित किया कि बाबा साहब द्वारा लिखित संविधान सिर्फ किताबों तक सीमित न रह जाए, बल्कि समाज के हर अंतिम व्यक्ति तक उसका लाभ पहुँचे। अनुसूचित जातियों और पिछड़ों को आरक्षण देने की लड़ाई में स्व. पासवान ने हमेशा सबसे आगे रहकर आवाज़ बुलंद की।
उन्होंने आगे कहा कि रामविलास पासवान जी ने गरीब सवर्णों के लिए भी 10% आरक्षण की मांग उठाकर यह साबित कर दिया कि उनकी सोच सिर्फ जाति आधारित नहीं, बल्कि इंसानियत और सामाजिक न्याय पर आधारित थी। "अगर बाबा साहब को किसी राजनीतिक दल और नेता ने सबसे पहले सच्चा सम्मान दिया, तो वह केवल लोक जनशक्ति पार्टी और रामविलास पासवान थे," उन्होंने जोर देकर कहा।
इस आयोजन में प्रदेश भर से पार्टी के सभी प्रकोष्ठों के पदाधिकारी, ज़िलाध्यक्ष, विधानसभा प्रभारी, युवा मोर्चा, महिला मोर्चा एवं छात्र संगठन के प्रतिनिधि सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में बाबा साहब के बताए रास्ते पर चलने और उनके सपनों का भारत बनाने का संकल्प लिया।
बाबा साहब के विचार आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनके समय में थे। उन्होंने दिखाया कि शिक्षा, आत्म-सम्मान और संघर्ष ही किसी भी समाज को आगे बढ़ा सकते हैं। उन्होंने कहा था, “मैं ऐसे धर्म को मानता हूं जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे की शिक्षा देता हो।” आज लोक जनशक्ति पार्टी उन्हीं मूल्यों को लेकर समाज में काम कर रही है।