Pahalgam terror attack: पहलगाम आतंकी हमले पर विवादित पोस्ट डालने के चक्कर में बुरी फंसी नेहा सिंह राठौर! राजद्रोह समेत गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ केस

लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में राजद्रोह समेत गंभीर धाराओं में केस दर्ज हुआ है। जानिए पहलगाम आतंकी हमले को लेकर उनके विवादित पोस्ट और मामले से जुड़ी पूरी जानकारी।

Neha Singh Rathore
Neha Singh Rathore - फोटो : SOCIAL MEDIA

Pahalgam terror attack: लोक गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ राजद्रोह समेत कई गंभीर धाराओं में लखनऊ के हजरतगंज थाने में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस सूत्रों ने यह जानकारी दी। शिकायत में कहा गया है कि पिछले सप्ताह हुए पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर एक विशेष धर्म समुदाय को निशाना बनाकर सोशल मीडिया पर उनकी भड़काऊ पोस्ट देश की एकता को नुकसान पहुंचा सकती हैं। उन्होंने बताया कि प्राथमिकी कवि अभय प्रताप सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई है। 

पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी 

शिकायतकर्ता अभय प्रताप सिंह ने कहा, ‘‘गायिका एवं कवयित्री नेहा सिंह राठौर ने अपने ‘एक्स’ हैंडल पर पहलगाम आतंकी हमले को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी और सोशल मीडिया मंच पर ऐसे वीडियो और पोस्ट साझा किए जिनका राष्ट्रीय अखंडता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा।’’ पुलिस ने बताया कि शिकायत में राठौर पर धर्म और जाति के आधार पर समुदायों के बीच मतभेद पैदा करने और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। 

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निर्दोष पीड़ितों की मौत पर सवाल उठाए

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि राठौर ने पहलगाम हमले में निर्दोष पीड़ितों की मौत पर सवाल उठाए और राष्ट्र विरोधी बयान दिए, जिससे शांति और सार्वजनिक व्यवस्था भंग होने की आशंका उत्पन्न हुई। शिकायतकर्ता के हवाले से कहा गया है कि गायिका के बयान पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं, जहां मीडिया द्वारा उनका इस्तेमाल भारत विरोधी प्रचार के लिए किया जा रहा है। शिकायत के आधार पर हजरतगंज पुलिस ने बताया कि लोक गायिका के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत कई आरोपों में मामला दर्ज किया गया है, जिसमें सांप्रदायिक दुश्मनी को बढ़ावा देने, सार्वजनिक शांति को भंग करने और भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने का प्रयास करना शामिल है। 

IT Act के तहत भी मामला दर्ज

राठौर पर सूचना प्रौद्योगिकी (IT) Act के तहत भी मामला दर्ज किया गया है। बीएनएस में स्पष्ट रूप से राजद्रोह का उल्लेख नहीं किया गया है, जैसा कि औपनिवेशिक युग के भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए में इसका उल्लेख था, लेकिन नयी आपराधिक संहिता की धारा 152 देश की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने के समान आरोपों से निपटती है। 


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