UP NEWS: ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए निरंतर पौधरोपण अभियान चला रही योगी सरकार

वाराणसी: वाराणसी में बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए योगी सरकार ने एक बड़ी और दूरदर्शी पहल की है। अब शहर को हरा-भरा और शुद्ध हवा देने वाला "नेचुरल ऑक्सीजन बैंक" विकसित किया जा रहा है, जो न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर बनेगा, बल्कि आने वाले समय में वाराणसी के बेहतर भविष्य की नींव भी रखेगा।
मियावाकी तकनीक से बन रहे घने वन
सरकार की इस योजना के तहत वाराणसी में जापान की मशहूर मियावाकी तकनीक से जंगल तैयार किए जा रहे हैं। यह तकनीक खास इसलिए मानी जाती है क्योंकि इसमें पेड़ तेजी से बढ़ते हैं और महज 2 वर्षों में एक घना वन बनकर तैयार हो जाता है। अब तक शहर के 9 स्थानों पर 5.617 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 1,70,246 पौधे लगाए जा चुके हैं, जो अब छोटे जंगलों का रूप ले चुके हैं।
तीन नए वन क्षेत्रों में काम शुरू
वन विभाग की ओर से रमना एसटीपी प्लांट और बनास डेयरी अमूल में पौधरोपण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इसके अलावा शंकर नेत्रालय के पास नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा मृदा कार्य चल रहा है, जहां जल्द ही नए पौधे लगाए जाएंगे।
क्या है मियावाकी पद्धति?
इस पद्धति के तहत एक ही स्थान पर घास, जड़ी-बूटियां, झाड़ियाँ, और छोटे से लेकर बड़े पेड़ लगाए जाते हैं। यह तकनीक प्राकृतिक वनों के करीब मानी जाती है और कम समय में घना जंगल तैयार करती है। इससे न केवल हरियाली बढ़ती है बल्कि शुद्ध हवा का संचार भी होता है।
'लंग्स ऑफ द सिटी' — नेचुरल ऑक्सीजन बैंक
वाराणसी में जो वन विकसित किए जा रहे हैं, उन्हें 'लंग्स ऑफ द सिटी' भी कहा जा रहा है, क्योंकि ये शहर को शुद्ध हवा देंगे और प्रदूषण को कम करने में अहम भूमिका निभाएंगे। वन अधिकारी स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि सरकार द्वारा नेशनल क्लीन एयर मिशन, वन जमा वित्त पोषण, और नगर निगम वित्त पोषण जैसी योजनाओं के जरिए इस काम को और मजबूती दी जा रही है।
क्यों जरूरी है यह पहल?
आज जब देश के कई हिस्से प्रदूषण और तापमान की मार झेल रहे हैं, ऐसे में वाराणसी जैसे ऐतिहासिक और घनी आबादी वाले शहर के लिए यह पहल एक नई साँस की तरह है। पर्यावरण में ऑक्सीजन का संतुलन बनाए रखना, गर्मी से राहत दिलाना और जीवन की गुणवत्ता को सुधारना — ये सभी इस अभियान के मुख्य उद्देश्य हैं।
एक बेहतर कल की ओर कदम
वाराणसी में चल रही यह हरित क्रांति सिर्फ पेड़ों तक सीमित नहीं है, यह भविष्य के लिए एक ठोस निवेश है। यह आने वाली पीढ़ियों के लिए शुद्ध हवा, साफ वातावरण और बेहतर जीवन की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। सरकार की यह पहल आने वाले वर्षों में एक आदर्श उदाहरण बन सकती है, जिसे अन्य शहर भी अपनाएं।