College student - बीए और बीएससी के छात्रों के हर महीने मिलेंगे नौ हजार रुपए, जानें सरकार की नई योजना, शिक्षा विभाग ने शुरू की तैयारी

College student - बीए और बीएससी के छात्रों को हर महीने 9 हजार रुपए सरकार द्वारा दी जाएगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है।

College student - बीए और बीएससी के छात्रों के हर महीने मिलें

N4N - सरकार उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों के लिए एक नई पहल की जा रही है। अब राज्य के विश्वविद्यालयों और डिग्री कॉलेजों में बीए, बीएससी जैसे गैर-तकनीकी पाठ्यक्रमों के छात्रों को भी अप्रेंटिसशिप का मौका मिलेगा। इस कदम का उद्देश्य उन्हें सैद्धांतिक ज्ञान के साथ-साथ व्यावहारिक अनुभव प्रदान करना है, जिससे वे भविष्य में आसानी से रोजगार पा सकें।

मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना का विस्तार

यूपी सरकार द्वारा शुरू की जा रही यह सुविधा मुख्यमंत्री अप्रेंटिसशिप योजना के तहत प्रदान की जाएगी। अभी तक यह योजना मुख्य रूप से इंजीनियरिंग कॉलेजों, पॉलीटेक्निक संस्थानों और आईटीआई के छात्रों तक सीमित थी। उच्च शिक्षा विभाग अब इस योजना का दायरा बढ़ा रहा है ताकि कला, विज्ञान और वाणिज्य जैसे संकायों के छात्रों को भी इसका लाभ मिल सके। इसके लिए जल्द ही पंजीकरण प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

₹9000 मासिक मानदेय का प्रावधान

इस अप्रेंटिसशिप कार्यक्रम के तहत, प्रत्येक विद्यार्थी को प्रति माह ₹9000 का मानदेय मिलेगा। इस राशि का भुगतान केंद्र सरकार, राज्य सरकार और संबंधित उद्योग मिलकर करेंगे। केंद्र सरकार ₹4500, उद्योग ₹3500 और राज्य सरकार ₹1000 का योगदान देगी। उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए, उनके हिस्से के ₹3500 में से ₹1000 का अतिरिक्त सहयोग राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा, जिससे उद्योगों को मात्र ₹2500 का भुगतान करना होगा।

उद्योगों से किया जाएगा समझौता

इस योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए, विभिन्न विश्वविद्यालय और कॉलेज अपने-अपने जिलों में स्थित उद्योगों के साथ समझौता (एमओयू) करेंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विद्यार्थियों को उनके नजदीक ही अप्रेंटिसशिप का अवसर मिल सके। इस पहल से गैर-तकनीकी विषयों के छात्रों को भी तकनीकी और औद्योगिक कार्यों की जानकारी मिलेगी।

प्रोफेशनल कोर्स के छात्रों को मिलेगी प्राथमिकता

योजना में उन विद्यार्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी जो प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों में पढ़ रहे हैं। विशेष रूप से, जिन पाठ्यक्रमों में अप्रेंटिसशिप अनिवार्य है, उनके छात्रों को इस पहल से बड़ी राहत मिलेगी। उन्हें अप्रेंटिसशिप के लिए अलग से उद्योगों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इससे उनका समय बचेगा और प्रक्रिया सरल हो जाएगी।

रोजगार की राह होगी आसान

उप्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मौलीन्दु मिश्रा के अनुसार, यह कदम विद्यार्थियों को रोजगार के लिए तैयार करने में मील का पत्थर साबित होगा। यह पहल न केवल छात्रों को व्यावहारिक कौशल देगी बल्कि उन्हें सीधे उद्योग जगत से जोड़ने का भी काम करेगी। उच्च शिक्षा विभाग इस योजना के बारे में छात्रों के बीच प्रचार-प्रसार शुरू करने की तैयारी में है। यह कदम राज्य के युवाओं के लिए उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।