UP Politics: योगी सरकार का जाति पर बड़ा फैसला, अब UP में FIR से लेकर रैली तक कहीं भी नहीं होगा कास्ट का जिक्र

UP Politics: योगी सरकार का जाति पर बड़ा फैसला, अब UP में FIR

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने जाति आधारित रैलियों और सार्वजनिक दस्तावेजों में जाति का जिक्र करने पर रोक लगा दी है। यह कदम इलाहाबाद हाईकोर्ट के हालिया आदेश के बाद उठाया गया है। कार्यवाहक मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इस संबंध में नए निर्देश जारी किए हैं।


अब क्या होगा बदलाव

अब प्रदेश में कोई भी जाति आधारित रैली आयोजित नहीं की जा सकेगी। पुलिस द्वारा दर्ज की जाने वाली एफआईआर, गिरफ्तारी मेमो और अन्य कानूनी दस्तावेजों में आरोपी की जाति का उल्लेख नहीं होगा। इसके बजाय माता-पिता का नाम लिखा जाएगा। थानों के नोटिस बोर्ड, पुलिस वाहनों और साइनबोर्ड पर लिखे जातीय नारे और संकेत भी हटाए जाएंगे। आदेश के पालन के लिए पुलिस नियमावली और एसओपी में बदलाव किया जाएगा।


सोशल मीडिया पर भी निगरानी

सरकार ने निर्देश दिया है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाति से जुड़ा कंटेंट भी कड़ी निगरानी में रहेगा। हालांकि एससी-एसटी एक्ट जैसे विशेष मामलों में जाति का उल्लेख पहले की तरह जारी रहेगा।


हाईकोर्ट की टिप्पणी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने 28 पन्नों के आदेश में कहा था कि पुलिस दस्तावेजों और एफआईआर में जाति लिखना संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ है। कोर्ट ने इसे समाज को बांटने वाला कदम बताया और तुरंत रोक लगाने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने यह सुझाव भी दिया कि पुलिस रिकॉर्ड में पिता या पति के नाम के साथ मां का नाम भी शामिल किया जाए ताकि लैंगिक समानता को बढ़ावा मिले।


मामला कैसे शुरू हुआ

यह पूरा विवाद 29 अप्रैल 2023 की एक पुलिस कार्रवाई से जुड़ा है। उस दिन शराब की एक बड़ी खेप पकड़ी गई थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों की जाति का जिक्र एफआईआर में कर दिया था। आरोपी प्रवीण छेत्री ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी सुनवाई में कोर्ट ने जाति उल्लेख पर रोक लगाने का आदेश दिया।


राजनीति पर असर

यूपी सरकार के इस फैसले का सीधा असर प्रदेश की जातीय राजनीति पर पड़ेगा। अब कोई भी राजनीतिक दल या संगठन जाति के नाम पर रैली नहीं कर सकेगा। हाईकोर्ट ने यह भी कहा था कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य में जाति का उन्मूलन एक अहम एजेंडा होना चाहिए। इसलिए राज्य और केंद्र सरकारों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।