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Stampede In Maha Kumbh Live 2025 : लाशों के भी खो जाने का डर, अपनों की तलाश में भटकते अपने, बेहोश पड़े लोग और दौड़ते एम्बुंलेस, महाकुंभ से झंकझोर देने वाली लाइव रिपोर्ट

Stampede In Maha Kumbh Live 2025 : महाकुंभ से झंकझोर देने वाली तस्वीरें सामने आ रही है। अपनों की तलाश में अपने भटक रहे हैं। लोगों में अपनों के लाशों के भी खो जाने का डर देखा जा रहा है।

Maha Kumbh stampede
Maha Kumbh stampede 2025- फोटो : Reporter

Stampede In Maha Kumbh Live 2025 : प्रयागराज के संगम तट पर आधी रात के बाद अचानक भगदड़ मच गई। इस हादसे में कई लोगों की मौत होने की खबर मिल रही है। इस हादसे में कितने श्रद्धालुओं की मौत हुई और कितने घायल हैं, इस पर प्रशासन ने अब तक कोई आधिकारिक आंकड़ा जारी नहीं किया है। लेकिन मौके पर मौजूद लोगों की मानें तो घटना में 17 लोगों की मौत हुई है। प्रयागराज का मंजर दर्दनाक था। लोग जितना खुद को बचाने की कोशिश कर रहे थे भीड़ उतना ही बेकाबू हो रहा था। मंजर ऐसा था कि लोगों को लाशों के भी खो जाने का डर था। लोग अपने परिजनों का हाथ पकड़े हुए थे। अस्पतालों में लाशों की कतार लगी हुई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं। भगदड़ के हटने के बाद श्रद्धालु कहारते दिखें। 

50 मीटर के एरिया में हुई भगदड़

प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो संगम नोज पर जो भगदड़ का एरिया था वो करीब 50 मीटर का था। जहां कई लोग बैठे थे अचानक वहां पीछे से श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची और भीड़ संगम नोज पर बैठे श्रद्धालुओं के ऊपर चढ़ती चली गई। इस दौरान जितने लोग मौजूद थे वो दब गए। भीड़ हटने के बाद पुलिस ने सभी को CPR दिया लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। अस्पतालों में हालत ऐसे हैं कि एक भी बेड खाली नहीं है, घायलों को कुर्सी पर बैठा कर इलाज किया जा रहा है। 

14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजे गए

स्वरूपरानी अस्पताल में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए जा चुके हैं, जबकि इससे पहले केंद्रीय अस्पताल में 11 लाशें फर्श पर रखी गई थीं। जब भगदड़ के बाद भीड़ हटी, तो वहां घायल श्रद्धालु कराहते नजर आए। कुछ लोग अपनों की मौत पर रोते हुए बैठ गए, तो कई इधर-उधर अपनों की तलाश में भटकते रहे।

अस्पतालों में भारी भीड़, स्ट्रेचर पर ले जाए गए घायल

भगदड़ के बाद मौके पर एंबुलेंस की साइरन की आवाजें गूंज रही थीं। जानकारी अनुसार करीब ढाई बजे जब अस्पताल पहुंची, तो संगम घाट से लगातार घायलों को लाया जा रहा था। कई श्रद्धालु गंभीर रूप से चोटिल थे, जिनका खून बह रहा था। बेहोश पड़े लोगों को स्ट्रेचर पर ले जाया जा रहा था। कम से कम 10 से ज्यादा डेड बॉडी अस्पताल के फर्श पर रखा गया। अस्पताल में इमरजेंसी हालात बन गए। घायलों के लिए बेड खाली कराए गए मौके पर अफरा-तफरी का माहौल था, लेकिन नर्स और डॉक्टर पूरी तरह एक्टिव थे।

अपनों की तलाश में भटकते लोग

मौके पर मौजूद डॉक्टरों ने फर्स्ट एड की जरूरत वाले घायलों का तुरंत इलाज किया गया। तो गंभीर मरीजों को इमरजेंसी वार्ड में शिफ्ट किया गया। इमरजेंसी एग्जिट से कई डेड बॉडी एक-एक कर बाहर भेजी गईं। अस्पताल में कड़ा पहरा है परिजनों को अंदर जाने की अनुमति नहीं मिली है। अस्पताल के बाहर पुलिस बल तैनात है और किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं मिल रही है। कई लोग अपने परिजनों की तलाश कर रहे हैं। संगम नोज का दृश्य भयावह है। घायल श्रद्धालुओं का इलाज होते ही बेड खाली कराया जा रहा था। डॉक्टरों का कहना था कि घबराहट में किसी का ब्लड प्रेशर बढ़ा या घटा, तो उसकी मौत हो सकती है। इसलिए गंभीर मरीजों के लिए बेड जल्दी खाली कराए जा रहे थे।

प्रशासन ने साधी चुप्पी

बताया जा रहा है कि घायलों में महिलाएं, बुजुर्ग और बच्चे शामिल थे। इस पूरे मामलें में प्रशासन ने चुप्पी साध रखी है। घटना को लेकर प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया जारी नहीं की गई है। इससे श्रद्धालुओं में गुस्सा है।  इस भयावह घटना के बावजूद, प्रशासन ने अभी तक भगदड़ के कारणों पर कोई ठोस जानकारी नहीं दी है। श्रद्धालुओं और उनके परिजनों में गहरी नाराजगी देखी जा रही है। हादसे के बाद प्रयागराज में अभी भी अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है।

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