Mahashivratri 2025: दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक 45 दिवसीय महाकुंभ आज महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर त्रिवेणी संगम में अंतिम डुबकी के साथ संपन्न हो रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन में अब तक लगभग 64 करोड़ श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर आध्यात्मिक लाभ प्राप्त किया है। महाशिवरात्रि के दिन देशभर में महादेव के नाम की जय जयकार हो रही है। हर मंदिर शिवालय में भक्तों का तांता लगा हुआ है। संगम स्थल पर सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।
संगम पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
महाशिवरात्रि के अंतिम शाही स्नान के लिए संगम तट पर भक्तों का तांता लगा हुआ है। इस अवसर पर शासन और प्रशासन द्वारा विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। महाकुंभ के दौरान विशेष रूप से नियुक्त वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. आशीष कुमार गोयल ने निर्देश दिया कि महाशिवरात्रि और अंतिम स्नान पर्व के दौरान शहर के सभी प्रमुख शिवालयों और कुंभ क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाएं।
सुरक्षा और यातायात व्यवस्था सख्त
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मेला क्षेत्र में विशेष सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं ताकि स्नान पर्व निर्विघ्न संपन्न हो सके। पुलिस आयुक्त प्रयागराज, तरुण गाबा ने बताया कि शहर की यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के लिए ट्रैफिक डायवर्जन और रूट प्लान को प्रभावी रूप से लागू किया गया है।
वाहनों के आवगमन पर प्रतिबंध
मंगलवार शाम 6 बजे से मेला क्षेत्र को 'नो व्हीकल जोन' घोषित कर दिया गया है, जिसके तहत किसी भी वाहन का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से यातायात नियमों और दिशा-निर्देशों का पालन करने की अपील की है ताकि यह आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हो सके।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष स्नान व्यवस्था
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए महाकुंभ पुलिस ने स्नान घाटों का विशेष निर्धारण किया है, जिससे वे अपने नजदीकी घाटों पर आसानी से स्नान कर सकें।
घाटों का निर्धारण:
दक्षिणी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु → संगम द्वार ऐरावत घाट
उत्तरी झूंसी से आने वाले श्रद्धालु → संगम हरिशचंद्र घाट एवं संगम ओल्ड जीटी घाट
परेड क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु → संगम द्वार भरद्वाज घाट, संगम द्वार नागवासुकी घाट, संगम द्वार मोरी घाट, संगम द्वार काली घाट, संगम द्वार रामघास, संगम द्वार हनुमान घाट
अरैल क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालु → संगम द्वार अरैल घाट
महाकुंभ का अंतिम स्नान ऐतिहासिक
साथ ही, श्रद्धालुओं की भीड़ के दबाव के अनुसार पांटून पुलों का संचालन किया जाएगा। महाशिवरात्रि के इस पावन अवसर पर महाकुंभ का अंतिम स्नान पर्व ऐतिहासिक बनने जा रहा है। संगम तट पर उमड़ी श्रद्धा की यह विराट धारा सनातन परंपरा की जीवंतता को दर्शाती है। प्रशासन की ओर से आयोजन की सफल और सुरक्षित समाप्ति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।