Prayagraj Kumbh Mela Stampede: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में हुई भगदड़ में अब मरने वालों की संख्या बढ़ गई है। मरने वालों की संख्या 30 हो गई है। वहीं 60 श्रद्धालुओं के घायल होने की सूचना है। इस भगदड़ में बिहार के चार महिलाओं की जान चली गई है। दरअसल, मौनी अमावस्या के अवसर पर प्रयागराज संगम में स्नान के लिए गईं गोपालगंज जिले की चार, औरंगाबाद की एक और सुपौल की एक महिला की मौत हो गई। मृतकों की आधिकारिक पुष्टि देर रात हुई। पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीजीआई) वैभव कृष्ण ने मृतकों की पुष्टि करते हुए बताया कि भगदड़ में 30 लोगों की जान गई है। वहीं भगदड़ के कारण बिहार के लगभग 10 से 12 लोग लापता बताए जा रहे हैं। जिनके परिजन महाकुंभ गए थे, उनके गांवों में भी अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। लापता लोगों से संपर्क न हो पाने के कारण परिवारजन चिंतित हैं।
गोपालगंज की 4 महिलाओं की मौत
गोपालगंज जिले के भोरे थाना क्षेत्र के रामनगर गांव से लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक श्रद्धालु अमृत स्नान के लिए प्रयागराज गए थे। इनमें सुरेंद्र गोंड की पत्नी तारा देवी (65) और भुटेली मांझी की पत्नी सरस्वती देवी (62) की मौत की सूचना है। बरौली थाना क्षेत्र के माड़नपुर गांव की स्व. तारकेश्वर सिंह की पत्नी शिवकली देवी (65) की भी भगदड़ में मृत्यु हो गई। हुस्सेपुर के सरपंच प्रतिनिधि लालबाबू प्रसाद ने इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा, उचकागांव थाना क्षेत्र के बलेसरा गांव के स्व. बच्चा दुबे की पत्नी कांति देवी (65) की मौत की खबर है। विजयीपुर थाना के जगदीशपुर गांव के धर्मेंद्र की पत्नी मुन्नी देवी, रामेश्वर प्रसाद की पत्नी राजकुमारी देवी, शोभावती देवी और रीमा देवी की कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। उनके परिवारजन प्रयागराज के लिए रवाना हो चुके हैं।
औरंगाबाद की महिला की भी मौत
औरंगाबाद जिले के गोह प्रखंड के सोसुना गांव की राजरानी देवी (65), जो अपने बेटे गुड्डू कुमार के साथ 27 जनवरी को अमृत स्नान के लिए प्रयागराज गई थीं, भगदड़ में मारी गईं। गांव के कुछ अन्य लोग भी उनके साथ महाकुंभ गए थे। मंगलवार रात जब भगदड़ मची, तब राजरानी देवी वहीं मौजूद थीं।
सुपौल की महिला का शव आज आएगा
महाकुंभ की भगदड़ में सुपौल जिले के देहपुर गांव के स्व. बिहारी यादव की पत्नी गुलाबी देवी की भी मौत हो गई। उनका पोस्टमार्टम पूरा हो चुका है और गुरुवार को शव सुपौल पहुंचेगा। उनके पति की दो वर्ष पहले सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। उनके दो बेटे दिल्ली में काम करते हैं।ॉ
बेकाबू भीड़ ने संगीता देवी से मां को छीन लिया
गोपालगंज की संगीता देवी, जो अपनी मां शिवकली देवी के साथ कुंभ स्नान के लिए गई थीं, भावुक होकर बताती हैं कि कैसे पल भर में भीड़ ने उनकी मां को उनसे छीन लिया। संगीता ने बताया कि रात करीब डेढ़ बजे संगम घाट पर स्नान के दौरान अचानक साधुओं का काफिला गुजरने से भीड़ बढ़ गई और भगदड़ मच गई। दम घुटने से कई लोगों की जान चली गई।
महाकुंभ भगदड़ में पति के सामने पत्नी की मौत
औरंगाबाद के फूलचंद विश्वकर्मा ने बताया कि स्नान के बाद बाहर निकलते ही भगदड़ मच गई। उनकी पत्नी वहीं भीड़ में दब गई और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। फूलचंद खुद भी आधे घंटे तक भीड़ में दबे रहे।
कैसे हुआ हादसा?
मंगलवार रात करीब 2 बजे संगम तट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान बैरिकेडिंग का एक हिस्सा गिर गया, जिससे भगदड़ मच गई। अफरातफरी के कारण कई श्रद्धालु नीचे गिर गए और भीड़ ने उन्हें रौंद दिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, धक्का-मुक्की इतनी तेज थी कि लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला।
भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू
महाकुंभ मेला परिसर में भगदड़ की खबर आग की तरह फैल गई। सूचना मिलते ही पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्स और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। फायर सर्विस के ऑल-टेरेन व्हीकल की मदद से कई घायलों को निकाला गया। महाकुंभ से लौटे श्रद्धालुओं ने बताया कि वहां बेहिसाब भीड़ थी। ट्रेनों में जगह नहीं थी, जिससे लोगों को घर लौटने में कठिनाई हो रही है।