UP DESK : उत्तर प्रदेश के बहराइच जिला हिंसा की आग में धधक रहा है। उपद्रवियों की हिंसक भीड़ ने पूरे जिले को अपने आगोश में ले लिया है। हजारों लोगों की बेकाबू भीड़ ने कई शो रूम, दुकानों और अस्पताल को आग के हवाले कर दिया। कई घर जलाए गए हैं। वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। भीड़ इतनी उन्मादी हो गई कि जिले के पुलिस को 6 जिलों से फोर्स और पीएसी बुलाना पड़ा। दंगाइयों ने पूरे जिले की कानून व्यवस्था की स्थिति को बद से बदतर कर दी है।
हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में गलत सूचनाओं का आदान प्रदान न हो। इसके लिए हिंसा प्रभावित इलाके में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। उपद्रवियों की हिसंक भीड़ पर काबू पाने के सीएम योगी के निर्देश पर एसटीएफ चीफ और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश मौके पर पहुंच चुके है। मौके पर भीड़ को देख खुद अमिताभ यश ने मोर्चा संभाल लिया। सोमवार को बहराइच पहुंचते ही खुली पिस्टल लेकर अमिताभ यश भीड़ को खदेड़ते दिखाई दिए। वहीं इस घटना में शामिल तीस उपद्रवी हिरासत में लिए गए हैं।
घटना के संदर्भ में बताया जा रहा है कि रविवार को हरदी इलाके में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान डीजे बजाने को लेकर दूसरे समुदायों के बीच विवाद हो गया था। इसके बाद हिंसा भड़क गई। दोनों समुदाय के बीच पथराव-आगजनी के साथ 20 राउंड से ज्यादा फायरिंग हुई। इसमें 22 साल के राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम के बाद सोमवार सुबह शव घर पहुंचा तो 5-6 हजार की भीड़ इकट्ठा हो गई। लोगों ने शव को लेकर करीब 5 किमी तक यात्रा निकाली। इसके बाद ने आग में घी डालने का काम किया। वह था मृतक रामगोपाल मिश्रा का गोलियों से छलनी सीना। जिसने भी रामगोपाल का शव देखा। वह आक्रोशित हो गया।
रामगोपाल के शरीर पर आधा दर्जन गोलियों के निशान मिले। माथे पर घाव और शरीर पर कई जगह चोट के निशान पाए गए। इस घटना के बावत में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बहराइच के महसी में माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी को सुरक्षा की गारंटी, लेकिन उपद्रवियों और जिनकी लापरवाही से घटना घटी है। ऐसे लोगों को चिह्नित कर कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिमा विसर्जन जारी रहेगा। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को मौके पर उपस्थित रहकर धार्मिक संगठनों से संवाद कर समय से प्रतिमा विसर्जन कराने हेतु निर्देशित किया है।
ऋतिक की रिपोर्ट