UP NEWS: बहराइच जिले के महसी तहसील में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा पुलिस प्रशासन की लापरवाही का गंभीर परिणाम साबित हुई है। यह घटना महराजगंज कस्बे में 13 अक्टूबर को घटित हुई, जहां विसर्जन जुलूस में बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। हरदी थाना क्षेत्र के एसओ सुरेश कुमार वर्मा ने पहले ही संभावित तनाव को देखते हुए पुलिस उच्चाधिकारियों से पीएसी और केंद्रीय बल की तैनाती की मांग की थी। लेकिन उनकी अपील को नजरअंदाज कर दिया गया, जिससे जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी और रामगोपाल मिश्रा नामक युवक की हत्या हो गई।
इस लापरवाही के बाद पुलिस विभाग और प्रशासन पर सवाल उठने लगे। शासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पहले सीओ महसी को निलंबित किया, फिर एएसपी ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को भी हटाकर उन्हें डीजीपी कार्यालय से अटैच कर दिया। नए एएसपी के रूप में दुर्गाशंकर तिवारी की नियुक्ति की गई है।
घटना से पहले एसओ सुरेश कुमार वर्मा ने स्पष्ट रूप से पत्र लिखकर सुरक्षा बलों की मांग की थी ताकि जुलूस को शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न किया जा सके। अमर उजाला के पास इस पत्र की कॉपी भी मौजूद है। अगर इस मांग को समय रहते माना गया होता, तो शायद हिंसा को रोका जा सकता था।
हिंसा के बाद से कस्बे में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। प्रशासन द्वारा अतिक्रमण के नोटिस जारी करने और हाईकोर्ट की रोक के बीच स्थानीय लोग अब भी भय के साये में जी रहे हैं। हालांकि, धीरे-धीरे जनजीवन सामान्य हो रहा है, लेकिन इस घटना ने प्रशासन की तैयारी और उसकी विफलता को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
सरकार ने अब तक कई अधिकारियों पर कार्रवाई की है, जिनमें सीओ महसी, चौकी प्रभारी, और एसओ शामिल हैं। उम्मीद की जा रही है कि हिंसा में शामिल अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर भी जल्द ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।