UP CRIME NEWS: राजधानी लखनऊ में फ्लैट में चल रहे फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पुलिस ने खुलासा किया है साइबर क्राईम सेल और सर्विलांस टीम, पीजीआई पुलिस की मदद से फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए 12 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी आरोपी तकनीक के माध्यम से विदेशी लोगों को लाखों के रुपए की चपत लगा चुके हैं।
अमेरिका और कनाडा के नागरिकों से ठगी करते थे पीजीआई के सेक्टर 18 स्थित वृंदावन योजना स्थित एवरेस्ट एनक्लेव के टावर नंबर एक के फ्लैट नंबर 201 में फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर चल रहा था कॉल सेंटर सुपरवाइजर मोहन श्याम शर्मा समेत 12 ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। विदेशी नागरिकों के लैपटॉप कंप्यूटर सिस्टम मैं सॉफ्टवेयर में पॉपअप, एरर बग देकर कस्टमर के सिस्टम में रुकावट पैदा करते थे। एरर को ठीक करने के लिए दिए गए नंबर पर कॉल करते थे विदेशी नागरिक।
X-Lite और eyeBeam सॉफ्टवेयर से संपर्क कर अल्ट्राविया एप्लीकेशन के जरिए एरर को सही करने के नाम पर एक्सेस कंट्रोल करते थे। इसके साथ अन्य प्रकार से दबाव डालकर या बातों में फंसा कर विदेशी कस्टमरों से गिफ्ट कार्ड क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से लाखों रुपए हड़प लेते थे। यह सभी जलसा आज गिफ्ट कार्ड को रिडीम कर कर रकम एट लेते थे।
पुलिस ने इस बात का भी खुलासा किया है कि विदेशी नागरिकों को यह ठग माइक्रोसॉफ्ट और एप्पल का रिप्रेजेंटेटिव बताते थे। पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय फर्जी कॉल सेंटर से अलग-अलग लैपटॉप टैबलेट और फाइबर यूनिट राउटर हेडफोन माउस और 17 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं। दिल्ली गुड़गांव और नोएडा में ठगी का कारोबार चलाने के बाद 3 महीने पहले ही यह सभी ठग लखनऊ के फ्लैट में डेरा डाला था। गिरफ्तार किए गए 12 ठग naukri.com और अन्य वेबसाइट से ठगी में शामिल हुए थे और मोटी सैलरी लेकर लखनऊ में ठगी का धंधा चल रहे थे।
पुलिस ने मोहन श्याम शर्मा, चंदन उर्फ रिक्की, उत्कर्ष गोल्ड स्मिथ, नीरज कुमार, करण सिंह, तरुण गुप्ता, नीरज पांडे, सिद्धार्थ कश्यप, रितुराज गुप्ता, सोमनाथ सिंह, विराट कुमार और रामजनक को गिरफ्तार किया गया है।