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UP Crime Bijnor news: बेटे की बेरोजगारी देख आगबबूला हुआ बाप, पेट में मारा चाकू

बिजनौर उत्तर प्रदेश में एक दुखद घटना में पिता ने अपने बेटे की हत्या कर दी। बेरोजगारी के कारण आए दिन विवाद होते रहते थे, जो इस दुखद नतीजे तक पहुंच गए।

UP Crime Bijnor news: बेटे की बेरोजगारी देख आगबबूला हुआ बाप, पेट में मारा चाकू
बिजनौर में पिता द्वारा पुत्र की हत्या- फोटो : freepik

UP Crime Bijnor news: उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में पिता द्वारा अपने बेटे की हत्या की घटना ने पूरे क्षेत्र को स्तब्ध कर दिया है। पारिवारिक तनाव, बेरोजगारी, और आपसी विवाद ने इस दुखद घटना को जन्म दिया। आइए समझते हैं कि इस घटना के पीछे के कारण और उसकी पूरी घटनाक्रम की विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।

घटना का संक्षिप्त विवरण

बिजनौर के काशीराम कॉलोनी में चतर सिंह नामक व्यक्ति अपने परिवार के साथ रहता था। उनके परिवार में उनकी पत्नी और एक शादीशुदा बेटा अक्षय भी था। अक्सर पिता-पुत्र के बीच झगड़े होते थे, और अक्षय के बेरोजगार होने के कारण उनके पिता उसे बार-बार काम करने की सलाह देते थे। अक्षय बेरोजगारी के कारण मानसिक तनाव में था और अपने पिता के तानों से वह परेशान रहता था।

झगड़े का कारण और कैसे हुआ मामला गंभीर

झगड़े का मुख्य कारण बेरोजगारी और सामाजिक दबाव था। पिता चतर सिंह अक्सर अपने बेटे को काम करने और आवारागर्दी छोड़ने की सलाह देते थे। चतर सिंह के लगातार ताने और उनकी निराशा ने अक्षय को मानसिक रूप से परेशान कर रखा था। घटना वाले दिन भी अक्षय और चतर सिंह दोनों नशे की हालत में थे, और इसी दौरान विवाद इतना बढ़ गया कि चतर सिंह ने अक्षय पर चाकू से हमला कर दिया।

हाथापाई और चाकू का उपयोग कैसे बना मौत का कारण?

घटना के दौरान, जब दोनों में हाथापाई शुरू हुई, चतर सिंह के हाथ में किचन का चाकू आ गया। उसका उद्देश्य केवल बेटे को डराना था, परंतु हाथापाई के दौरान चाकू अक्षय के पेट में लग गया। इस हमले के बाद अक्षय की मृत्यु हो गई। अक्षय की पत्नी ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी, और पड़ोसियों ने भी पुलिस को इस झगड़े के बारे में बताया। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर चतर सिंह को गिरफ्तार कर लिया।

घटना के सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलू

बेरोजगारी का प्रभाव: बेरोजगारी न केवल आर्थिक बल्कि मानसिक रूप से भी तनाव का कारण बनती है। सामाजिक ताने और परिवार का दबाव व्यक्ति को मानसिक तनाव में डाल सकता है, जिससे अक्सर व्यक्ति का व्यवहार हिंसक भी हो सकता है।

नशे का प्रभाव: घटना के वक्त दोनों ही व्यक्ति नशे में थे। नशा, व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता को प्रभावित करता है और हिंसा के लिए प्रोत्साहित कर सकता है।

पारिवारिक संबंधों में बिगाड़: परिवार में आए दिन होने वाले झगड़े नकारात्मक प्रभाव छोड़ते हैं, खासकर उन पर जो मानसिक रूप से कमजोर होते हैं। एक व्यक्ति की नाराजगी का परिणाम परिवार के अन्य सदस्यों पर भी पड़ता है।

पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई और कानूनी प्रक्रिया

पुलिस ने सूचना मिलने के बाद तुरंत कार्रवाई की और चतर सिंह को गिरफ्तार कर लिया। चतर सिंह का कहना है कि उसने अपने बेटे को मारने का इरादा नहीं किया था। फिलहाल, पुलिस ने इस मामले को हत्या के रूप में दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। कानूनी प्रक्रिया के अनुसार, यदि चतर सिंह दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें सख्त सजा दी जाएगी।

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