Hidden Camera in Newlywed Bahu: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के खेकड़ा थाना क्षेत्र में दहेज प्रताड़ना का एक गंभीर मामला सामने आया है। इसमें एक महिला ने अपने सास-ससुर और पति के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें उन पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने, दहेज की मांग को लेकर उत्पीड़ित करने और यहां तक कि ब्लैकमेल करने के उद्देश्य से उसके कमरे में हिडन कैमरा लगाने का आरोप है।
पीड़िता की शिकायत: सास-ससुर और पति की निर्दयता
इस मामले की पीड़िता पुष्पा का कहना है कि उसकी शादी दिल्ली के करावलनगर थाना क्षेत्र के रोशन विहार में रहने वाले जितेंद्र कुमार से हुई थी। पुष्पा के परिजनों ने शादी में अल्टो कार, 25 लाख रुपये के जेवर और नकद राशि देने के बावजूद भी उसे उसके पति, सास राजवती, ससुर सुंदरपाल और ननद रीना द्वारा दहेज के लिए प्रताड़ित किया गया। पुष्पा ने बताया कि कुछ समय बाद दहेज की मांग और बढ़ा दी गई, और उसके घरवालों ने एक बार में 5 लाख रुपये की सहायता भी की, लेकिन इसके बाद भी 10 लाख रुपये की मांग की जाती रही।
दहेज की मांग पूरी न होने पर प्रताड़ना और ब्लैकमेल का प्रयास
पुष्पा के अनुसार, उसकी ससुराल वालों ने दहेज की मांग पूरी न होने पर उसे मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उन्होंने उस पर लगातार दबाव बनाया और उसकी निजता पर हमला करते हुए उसके कमरे में हिडन कैमरा तक लगवा दिया। पुष्पा का कहना है कि यह कैमरा उसके सास-ससुर ने उसे ब्लैकमेल करने और पैसे ऐंठने के इरादे से लगाया था।
पुलिस द्वारा मामले की जांच और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई
पीड़िता के बयान के आधार पर पुलिस ने उसके सास-ससुर और पति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। यह घटना समाज में बढ़ते दहेज प्रथा और उसकी भयावहता को दर्शाती है, जहां दहेज की भूख में लोग अपनी बहुओं के साथ ऐसा व्यवहार करने में भी संकोच नहीं कर रहे हैं।
क्या कहता है भारतीय कानून दहेज प्रताड़ना के खिलाफ?
भारतीय कानून में दहेज प्रताड़ना को रोकने के लिए कई सख्त प्रावधान किए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए के तहत पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा दहेज के लिए महिला को प्रताड़ित करने को संज्ञेय अपराध माना गया है। इसी तरह, दहेज निषेध अधिनियम 1961 के तहत दहेज मांगना, देना या लेना कानूनी रूप से अवैध है। इन प्रावधानों के बावजूद, आज भी समाज में दहेज प्रताड़ना की घटनाएं सामने आ रही हैं, जो कि समाज के नैतिक मूल्यों पर सवाल खड़ा करती हैं।