UP NEWS: अयोध्या में दीपोत्सव 2024 की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। पूरे अयोध्याधाम को दो किलोमीटर तक दीपों की रोशनी से जगमगाने की योजना बनाई गई है। रामपथ से लेकर धर्मपथ तक भव्य लाइटिंग की जा रही है, और रामायण युग का अनुभव कराने वाले गेट भी बनाए जा रहे हैं। राम की पैड़ी पर लक्ष्मण और सीता द्वार का निर्माण अंतिम चरण में है। 25 अक्तूबर तक पूरे अयोध्याधाम को सजाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।
लंका विजय के बाद 14 वर्षों के वनवास से लौटे श्रीराम के स्वागत में जिस तरह अयोध्या को सजाया गया था, उसी ऐतिहासिक भावना को पुनर्जीवित करने के लिए प्रशासन पूरी तैयारी में जुटा हुआ है। दीपोत्सव में अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं को हर कदम पर रामायण युग का अनुभव होगा। रामपथ और धर्मपथ को लाइटिंग से सजाने के लिए लखनऊ की ताज रेडियो एंड इलेक्ट्रिक कंपनी को ज़िम्मेदारी दी गई है। राम कथा पार्क के पास बिजली के कामों के लिए कैम्प लगाया गया है, जहाँ लाइटें तैयार की जा रही हैं।
दीपोत्सव के लिए रामपथ और धर्मपथ के साथ दो किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में भव्य लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है। सजावटी दीवारें, इलेक्ट्रिक गेट, और कृत्रिम लाइटों से पिलर बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, रामकथा पर आधारित 30 प्रवेश तोरण द्वार भी धर्मपथ से रामकथा पार्क तक बनाए जाएंगे, जिन पर रामकथा के दृश्य उकेरे जाएंगे। सरयू घाट पर भी भव्य तोरण द्वार सजाए जा रहे हैं, जो घाटों की शोभा बढ़ाएंगे। दीपोत्सव के दौरान सरयू के पुराने पुल पर आतिशबाजी का आयोजन भी होगा।
पर्यटन अधिकारी राजेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि दीपोत्सव के दौरान कई प्रकार की झांकियां भी बनाई जाएंगी। सूचना और पर्यटन विभाग द्वारा झांकियों को तैयार करने की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। 30 अक्तूबर को साकेत महाविद्यालय में रामायण काल के प्रसंगों का मंचन करने के लिए 18 झांकियां तैयार की जा रही हैं, जिनमें से 11 झांकियां सूचना विभाग और 7 पर्यटन विभाग द्वारा बनाई जाएंगी। ये झांकियां न सिर्फ रामायण की कहानियों को दिखाएंगी, बल्कि सामाजिक संदेश भी देंगी।
दीपोत्सव में छह देशों की रामलीला के आयोजन की भी योजना है। हालांकि इसकी पूरी रूपरेखा अभी तैयार नहीं हुई है। साकेत महाविद्यालय में तैयार हो रही झांकियों पर कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। देशभर के विभिन्न राज्यों से लगभग 600 कलाकार अपनी लोक संस्कृतियों की प्रस्तुतियां देंगे। इसके अलावा, अयोध्या के विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक मंच सजाए जा रहे हैं, जहां कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
राम की पैड़ी को सजाने का काम अब अंतिम चरण में है। यहां 15,000 लोगों के बैठने की क्षमता वाली दर्शक दीर्घा तैयार हो गई है। इस बार का प्रमुख आकर्षण श्रीराम, सीता और लक्ष्मण द्वार होगा, जो लगभग बनकर तैयार है। दर्शक दीर्घा की सीढ़ियों का निर्माण पूरा हो चुका है और रामकथा को चित्रित करने वाली भित्ति चित्रों को भी सजाया गया है। इस दीपोत्सव में राम की पैड़ी श्रद्धालुओं का मुख्य आकर्षण केंद्र बनेगी। वहीं, सरयू के घाटों पर आरती की तैयारियां भी शुरू हो गई हैं और मंच भी बनाया जा रहा है।
विकास प्राधिकरण द्वारा दीपोत्सव 2024 के अवसर पर "एक दीया प्रभु श्रीराम के नाम" कार्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। 30 अक्तूबर को होने वाले इस आयोजन में लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है। जो श्रद्धालु इस महोत्सव में शरीक नहीं हो सकते, वे ऑनलाइन दीपों का दान करके भी इसमें भाग ले सकते हैं। अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अश्वनी कुमार पांडेय ने बताया कि देश-विदेश में बैठे श्रद्धालु ऑनलाइन दान कर सकते हैं, और उन्हें इसके बदले में प्रसाद भी भेजा जाएगा, जो उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा तैयार किया जाएगा। श्रद्धालु "दिव्य अयोध्या डॉट कॉम" वेबसाइट पर जाकर दान कर सकते हैं।