N4N DESK - राजनीति में कई ऐसे उदाहरण है कि एक पार्टी के नेता के बच्चों का विवाह दूसरी पार्टी के नेताओं के परिवार में हुआ हो। लेकिन सिर्फ इस एक वजह से किसी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का मामला शायद ही कभी सुना गया है। यूपी की पूर्व सीएम व बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी पार्टी के पांच बार के जिलाध्यक्ष व राज्यमंत्री रह चुके नेता को सिर्फ इसलिए पार्टी ने निकाल दिया क्योंकि उन्होंने अपने बेटे की शादी समाजवादी पार्टी के विधायक की बेटी से की थी। पार्टी से निकाले गए बसपा नेता सुरेंद्र सागर बताए गए हैं।
दरअसल 27 नवंबर को अंबेडकरनगर की आलापुर सीट से विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव त्रिभुवन दत्त की बेटी की शादी रामपुर जिले से 5 बार बसपा जिलाध्यक्ष रहे सुरेंद्र सागर के बेटे से हुई। इस शादी में सपा मुखिया अखिलेश यादव भी शामिल हुए थे। लेकिन बेटे की शादी सुरेंद्र सागर को भारी पड़ी। मायावती को यह बात पसंद नहीं आई। उन्होंने सुरेंद्र सागर को पार्टी से निकाल दिया और जिला प्रभारी रहे ज्ञान प्रकाश बौद्ध को जिलाध्यक्ष बनाया गया है।
नए जिलाध्यक्ष ने पार्टी हाईकमान के निर्देश पर उन्हें निष्कासित किया है। उन पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने के साथ ही अनुशासनहीनता का आरोप लगा है। कहना है कि बहनजी का आदेश सर्वोपरि है। नए जिलाध्यक्ष ने सुरेंद्र सागर को भी पार्टी से निष्कासित करने की घोषणा की है।
वही दूसरी तरफ मायावती के फैसले पर सुरेंद्र सागर ने हैरानी जताई है। 2022 के चुनाव में मिलक से प्रत्याशी रहे सुरेंद्र सागर ने बताया कि मायावती के इस तरह के फैसले से पार्टी का यह हाल हो रहा है। सुरेंद्र सागर ने बताया कि मायावती को गुस्सा जल्दी आता है। इसकी एक बड़ी वजह एज फैक्टर भी है। उन्होंने कहा कि उनके फैसले अब लोगों के गले से नहीं उतर रहे हैं। उन्होंने बताया कि सपा विधायक राष्ट्रीय सचिव त्रिभुवन दत्त से मायावती ज्यादा नाराज थीं।