लखनऊ: राजधानी में बाघ की दहशत बनी हुई है। जिसको देखते हुए रहमान खेड़ा इलाके में घूम रहे बाघ को रेस्क्यू करने के लिए वन विभाग ने रणनीति में फिर बदलाव किया है। बाघ रहमान खेड़ा में बने मचान के पास कई बार पहुंचा और शिकार भी किया लेकिन वन विभाग की सारी रणनीति फेल हो गई अब वन विभाग बाग को पकड़ने के लिए गड्ढे खोद रहे हैं। बाघ को पकड़ने के लिए पिट फॉल तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जिसमें जेसीबी से गड्ढा खोदकर बाग को गड्ढे में गिराने की प्लानिंग है इस क्षेत्र में लाइव सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे।
सुरक्षा के लिए जहां प्रभावी इलाकों के सभी स्कूल कॉलेज व कोचिंग सेंटरों को बंद कर दिया गया है वही इस पूरे ऑपरेशन की कमान अब बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बधावन को सौंप दी गई है रेस्क्यू के लिए बहराइच की कतर्निया घाट वन्य जीव विहार से एक और विशेषज्ञ डॉक्टर को बुलाया गया है। बता दे बृहस्पतिवार को एक बार फिर भाग रेस्क्यू टीम के सामने से निकल गया लेकिन उसे पकड़ नहीं जा सका।
प्रभावित इलाकों के सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के बाद ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेगी आदेश में यह भी कहा गया है कि जब तक बाघ को पकड़ नहीं लिया जाता है स्कूल और कोचिंग बंद ही रहेंगे। वन विभाग के अनुसार बाग का मूवमेंट मीठे नगर की तरफ भी देखा गया है जहां उसने पहले पड़वा का शिकार किया था वहीं बुधवार को नए चिन्ह मिलने के बाद वन विभाग की टीम ने जाल लगाकर घेराबंदी की लेकिन बाघ नहीं मिला।
पांच एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम लगी
बाघ को पकड़ने के लिए नए टीम लीडर बाराबंकी के डीएफओ आकाशदीप बाधवन की अगुवाई और निर्देश पर अब काम होगा। यहां पर प्राणी उद्यान के चार एक्सपर्ट डॉक्टर पहले से लगे हैं। बृहस्पतिवार को बहराइच के कतर्नियाघाट वन्यजीव विहार से पांचवें एक्सपर्ट डॉक्टर दीपक के साथ हथिनियों पर बैठकर काम्बिंग शुरू की गई है।
ग्रामीण झुंड बनाकर निकल रहे बाहर
बाघ के न पकड़े जाने से 60 गांवों के ग्रामीणों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है। बचाव के लिए ग्रामीण घरों से बाहर झुंड बनाकर निकलने को मजबूर हैं। रात में जरूरी काम होने पर ही झुंड बनाकर मशाल जलाकर निकल रहे हैं। बच्चों की पढ़ाई लिखाई सब चौपट हो गई है। खेतों में तैयार फसल भी नष्ट हो रही है।