UP NEWS: आए दिन आप कुछ ना कुछ ऐसी खबरें जरूर सुनते और पढ़ते होंगे जो आपने इससे पहले नहीं सुनी होगी और ना ही पड़ी होगी। लेकिन वाराणसी से एक ऐसा ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है जिसे सुनने के बाद आप हैरान हो जाएंगे और यकीन मान लीजिए कि आपने इससे पहले इस तरह की घटना ना सुनी होगी ना ही देखी होगी। दरअसल वाराणसी में बाल विकास मंत्रालय ने 40 कुंवारी लड़कियों को गर्भवती बता दिया अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर बाल विकास मंत्रालय ने यह क्यों किया तो आप गलत है यह गलती बाल विकास मंत्रालय की नहीं बल्कि गांव की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की है। पुष्टाहार योजना का लाभ लेने के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने यह पूरा झोल किया है।
ग्राम पंचायत रमना के मलहिया गांव की 40 युवतियों को हाल ही में बाल विकास मंत्रालय से दीपावली पर एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें गर्भवती महिलाओं के लिए लाभ की सूचना दी गई थी। इस संदेश ने गांव की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा की गई गड़बड़ी की पोल खोल दी। कागजों में इन कुंवारी लड़कियों को गर्भवती बताया गया, जिससे सभी लोग हैरान और परेशान हो गए। रेखा, अनीता, राखी, ज्योति, वर्षा, अंजलि, निकिता, मोहिनी, नेहा सहित अन्य लड़कियों को जब यह संदेश मिला तो उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क किया। लड़कियों के अनुसार, कार्यकर्ता ने इस बारे में कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब इस बारे में ज्यादा सवाल किए गए, तो कार्यकर्ता ने उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया।
संदेश मिलने के बाद सभी लड़कियां ग्राम प्रधान आरती पटेल के पास पहुंचीं और पूरी घटना की जानकारी दी। ग्राम प्रधान ने तत्काल प्रभाव से डीएम को पत्र लिखकर मामले की गहराई से जांच की मांग की है। इसके अतिरिक्त, लड़कियों ने सीडीओ से भी मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इस प्रकार की गड़बड़ी संभावित रूप से सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से की गई हो सकती है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा की गई इस अनियमितता से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासनिक स्तर पर निगरानी और पारदर्शिता की भारी कमी है, जिससे आम जनता को गलत सूचनाओं का शिकार होना पड़ता है।
ग्राम पंचायत रमना के मलहिया गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमनलता पर गंभीर आरोप लगे हैं। ग्राम प्रधान आरती पटेल ने डीएम को पत्र लिखकर बताया कि सुमनलता ने गांव में घर-घर जाकर लड़कियों को गुमराह किया और उनसे आधार कार्ड यह कहकर ले लिया कि उसे वोटर आईडी कार्ड से लिंक करना है। इस तरह लगभग 40 लड़कियों का महिला एवं बाल विकास मंत्रालय में पंजीकरण कराकर उन्हें कागजों पर गर्भवती दर्शाया गया और राशन का घोटाला किया गया। यह मामला तब सामने आया जब इन लड़कियों के आधार कार्ड से जुड़े मोबाइल नंबरों पर मैसेज आया, जिसमें गर्भवती महिलाओं के लिए लाभ मिलने का जिक्र था। इस मैसेज को देखकर लड़कियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से संपर्क किया, लेकिन कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिलने पर मामला ग्राम प्रधान के संज्ञान में लाया गया।
ग्राम प्रधान आरती पटेल ने डीएम को पत्र लिखकर मामले की जांच की अपील की है। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में इस प्रकार की धोखाधड़ी और घोटाले न हो सकें। लड़कियों ने भी सीडीओ से शिकायत कर मामले में न्याय और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने स्थानीय प्रशासन के स्तर पर निगरानी और पारदर्शिता में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है।