UP NEWS: सोमवार को योगी कैबिनेट की अहम बैठक हुई जिसमें कई बड़े फैसले लिए गए इसी में से एक फैसला डीजीपी की नियुक्ति को लेकर भी था इसके बाद यूपी में डीजीपी की नियुक्ति राज्य सरकार के स्तर से ही हो सकेगी जैसे यह बात समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को पता चली उन्होंने सरकार पर तंत्र कैसा है अखिलेश यादव ने कहा कि दिल्ली से अपने हाथ में लगाम लेने की कोशिश की जा रही है।
अखिलेश यादव ने अपने एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, सुना है किसी बड़े अधिकारी को अस्थाई पद देने और उसका कार्यकाल 2 वर्ष तक बढ़ाने की व्यवस्था बनाई जा रही है अब सवाल यह है की व्यवस्था बनाने वाले खुद 2 वर्ष रहेंगे या नहीं? इसके बाद उन्होंने तंज कसते हुए लिखा कि कहीं यह दिल्ली के हाथ से लगाम अपने हाथ में लेने की कोशिश तो नहीं है। दिल्ली बनाम लखनऊ 2.0 । फिर क्या था इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने भी अखिलेश यादव के इस बयान पर प्रतिक्रिया दी है।
उत्तर प्रदेश सरकार ने डीजीपी नियुक्ति के लिए नए नियम लागू किए हैं, जिससे राज्य सरकार अब इस प्रक्रिया को अपने स्तर से ही संचालित कर सकेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में "पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश (उत्तर प्रदेश पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2024" को मंजूरी दे दी गई।
नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता के उपाय
इस नई नियमावली के अंतर्गत एक मनोनयन समिति का गठन किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश करेंगे। समिति के अन्य सदस्यों में मुख्य सचिव, संघ लोक सेवा आयोग द्वारा नामित अधिकारी, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष या उनके प्रतिनिधि, अपर मुख्य सचिव (गृह), और पूर्व में डीजीपी रह चुके एक सेवानिवृत्त डीजीपी शामिल होंगे। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डीजीपी का चयन एक स्वतंत्र और पारदर्शी तंत्र के माध्यम से हो, जो किसी भी राजनीतिक या प्रशासनिक हस्तक्षेप से मुक्त हो।
न्यूनतम कार्यकाल और अनुभव की शर्तें
नए नियमों के अनुसार, डीजीपी का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष होगा। चयन के लिए उन अधिकारियों के नाम पर विचार किया जाएगा जिनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम छह माह शेष हों और जो वेतन मैट्रिक्स के स्तर 16 में डीजीपी पद पर कार्यरत हों।
डीजीपी को हटाने के नियम
डीजीपी को उनके दो वर्ष के कार्यकाल से पहले हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन किया जाएगा। किसी आपराधिक या भ्रष्टाचार के मामले में, या कर्तव्यों के निर्वहन में असफलता की स्थिति में, राज्य सरकार डीजीपी को निर्धारित कार्यकाल से पहले हटाने का अधिकार रखती है। इस नियमावली के माध्यम से सरकार ने उत्तर प्रदेश की विशिष्ट पुलिसिंग आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए डीजीपी चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने की दिशा में कदम उठाया है।