अंकिता भंडारी मर्डर केस में तीन साल बाद आया फैसला, तीनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा, देश के चर्चित हत्याकांड में था शामिल
ankita bhandari murder case- उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी केस में कोर्ट ने तीनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुुनाई है। तीन साल पहले अंकिता की हत्या को देश भर में चर्चा मिली थी।

N4N Desk - तीन साल पहले देश के चर्चित उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी मर्डर केस में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते मामले में तीनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाया है। कोटद्वारअपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने फैसला सुनाते हुए तीनों आरोपियों- पुलकित आर्य, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को दोषी करार दिया।
फैसले पर देश की थी नजर
तीन साल पहले जिस तरह से अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी। उसके बाद उसके लिए देश भर से न्याय की आवाज उठी थी। यही कारण है कि हाई प्रोफाइल मर्डर केस पर उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की नजरें कोर्ट के इस फैसले का इंतजार कर रही थीं। सुनवाई के दौरान सुरक्षा के मद्देनज़र कोर्ट परिसर के 200 मीटर के दायरे को पुलिस ने सील कर दिया गया. सिर्फ वकील, केस से जुड़े पक्ष और जरूरी स्टाफ को ही अंदर जाने की अनुमति थी।
रिजार्ट में रिसेप्शनिस्ट थी अंकिता
ऋषिकेश के करीब वंतारा रिजॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की सितंबर, 2022 में रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो अन्य कर्मचारियों के साथ कथित तौर पर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी.
वीआईपी गेस्ट के एक्स्ट्रा सर्विस देने से कर दिया था इनकार
अंकिता 18 सितंबर 2022 को अचानक गायब हो गई थी. पांच दिन बाद 24 सितंबर को ऋषिकेश के नजदीक चिल्ला नहर से अंकिता का शव बरामद किया गया था।
जब मामले की जांच शुरू हुई तो अंकिता को गायब करने, उसकी हत्या और शव को नहर में फेंकने में पुलकित आर्य और उसके दो साथियों की सहभागिता सामने आई. शुरुआती जांच ऐसे तथ्य सामने आए, जिससे महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर सवाल खड़े कर दिए।
रिजॉर्ट में काम करने के दौरान वहां ‘वीआईपी’ अतिथि को ‘एक्स्ट्रा सर्विस’ के लिए अंकिता को रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य ने फोर्स किया था। भाजपा के पूर्व नेता का पुत्र आर्य और दो अन्य आरोपी-अंकित गुप्ता और सौरभ भास्कर इस समय जेल में बंद हैं।
पुलकित पर इन धाराओं में केस दर्ज
पुलकित आर्य पर IPC की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), 354A (छेड़छाड़) और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के तहत आरोप तय हुए थे. मामले की जांच के लिए SIT गठित की गई थी, जिसने 500 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की. इसमें 97 गवाह नामित किए