Sir in bengal - बिहार के बाद बंगाल में होगा एसआईआर, चुनाव आयोग ने दिया आदेश, ममता सरकार की बढ़ेगी मुश्किलें
 
                            Kolkatta - बिहार में एसआईआर पर विवाद थम नहीं रहा है। विपक्षी पार्टियों द्वारा चुनाव आयोग पर बीजेपी के लिए काम करने का आरोप लगा रही है। वहीं इसी बीच अब चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल में एसआईआर शुरू करने की तैयारी शुरू कर दी है। चुनाव आयोग के इस फैसले से सबसे ज्यादा परेशानी मौजूदा ममता सरकार को सकती है।
बता दें कि चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस बारे में सूचित किया है और राज्य के निर्वाचन अधिकारियों से मतदाता सूची के वेरिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।
सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठ की संभावना
पश्चिम बंगाल ऐसे राज्यों में है जहां सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठ की संभावना है। जिन्होंने फर्जी तरीके से भारत की नागरिकता भी हासिल कर ली है। अब एसआईआर शुरू होने के बाद ऐसे घुसपैठी लोगों की पहचान की जा सकती है.
बिहार में अंतिम चरण में एसआईआर
बता दें कि बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम अपने अंतिम चरण में है. एसआईआर प्रक्रिया के तहत राज्य में 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी कर दी गई.
इस प्रक्रिया के बाद बिहार में करीब 65 लाख मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे. इनमें ज्यादातर वे मतदाता हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं रहे. बाकी ऐसे वोटर हैं जो स्थायी रूप से किसी दूसरे राज्य में स्थानांतरित हो चुके हैं। कुछ ऐसे मतदाता भी हैं, जिनके नाम एक से ज्यादा निर्वाचन क्षेत्रों में दर्ज था. हालांकि, विपक्ष चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का विरोध कर रहा है और इसे बीजेपी के इशारे पर वोटों की चोरी करार दे रहा है
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                             
                             
                     
                     
         
                     
                     
                     
                     
                    