ईडी को देखते ही बाउंड्री फांदकर भागने लगे विधायक जी , मोबाइल को झाड़ियों ने फेंका, लेकिन...
ईडी ने सीएम ममता बनर्जी के विधायक जीवनकृष्ण साहा को किया गिरफ्तार, घर में छापेमारी के बाद की कार्रवाई की गई, इस दौरान विधायक ने भागने की कोशिश की

Desk - प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बंगाल में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के विधायक जीवनकृष्ण साहा को गिरफ्तार कर लिया। साहा मुर्शिदाबाद जिले के बुरवान विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं।
छापेमारी और सबूत जुटाने की कोशिश
गिरफ्तारी से पहले, ईडी की टीमों ने विधायक साहा और उनके कुछ रिश्तेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान, अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए हैं, जो इस मामले में अहम सबूत साबित हो सकते हैं।
भागने की कोशिश और मोबाइल फोन बरामद
जानकारी के अनुसार, ईडी की छापेमारी के दौरान साहा ने अपने घर से बाउंड्री फांदकर भागने की कोशिश की और अपना मोबाइल फोन एक झाड़ी में फेंक दिया। हालांकि, ईडी के अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया और फेंका हुआ मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया, जिसे बाद में जब्त कर लिया गया।
पहले भी सबूत मिटाने का प्रयास
यह पहली बार नहीं है जब साहा ने सबूत मिटाने की कोशिश की हो। 2023 में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा उनके घर पर छापेमारी के बाद भी उन्होंने अपने दो मोबाइल फोन एक तालाब में फेंक दिए थे।
कई स्थानों पर छापेमारी
ईडी की टीम ने इस दिन कोलकाता के अलावा मुर्शिदाबाद और बीरभूम जिलों के कई स्थानों पर छापेमारी की। साहा के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनके आवास पर कार्रवाई की गई। टीम के साथ केंद्रीय बल के जवान भी मौजूद थे।
रिश्तेदारों के ठिकानों पर भी तलाशी
जांच अधिकारियों ने सिर्फ विधायक के आवास पर ही नहीं, बल्कि उनके रिश्तेदारों के घरों पर भी तलाशी अभियान चलाया। मुर्शिदाबाद के रघुनाथगंज में स्थित उनके ससुराल और बीरभूम के साईंथिया में उनकी मौसी माया साहा (जो कि टीएमसी की पार्षद भी हैं) के आवास पर भी छापेमारी की गई। इसके अलावा, मुर्शिदाबाद के महिषग्राम में एक बैंक कर्मचारी राजेश घोष के घर पर भी छापा मारा गया।
उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच
ईडी का यह धन शोधन मामला सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी से जुड़ा है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सीबीआई को ग्रुप सी और डी कर्मचारियों, कक्षा 9 से 12 तक के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था। 2023 में सीबीआई ने इसी मामले में साहा को गिरफ्तार किया था, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था।