India Operation Sindhu: ऑपरेशन सिंधु के जरिए संकटमोचक बना भारत! नेपाल और श्रीलंका के भी नागरिकों को वापस लाने का उठाई जिम्मेदारी

India Operation Sindhu: भारत सरकार के ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से 827 भारतीय नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया गया। जानिए कैसे चला यह मिशन और इसकी प्रमुख उपलब्धियां।

 India Operation Sindhu
ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान से लौटे भारतीय - फोटो : social media

India Operation Sindhu: ऑपरेशन सिंधु भारत सरकार की तरफ से 18 जून 2025 को शुरू किया गया एक आपातकालीन निकासी अभियान है। इसका उद्देश्य इजरायल और ईरान के बीच जारी सैन्य संघर्ष के दौरान दोनों देशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करना है।ईरान के हालात अचानक खराब होने लगे थे और उस समय वहाँ हजारों भारतीय श्रमिक, तीर्थयात्री और व्यापारी मौजूद थे। सरकार ने तेजी से एक्शन लेते हुए विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सहयोग से यह ऑपरेशन शुरू किया।

एक और विमान 310 भारतीयों को लेकर दिल्ली पहुंचा

शनिवार, 21 जून 2025 को ऑपरेशन सिंधु के तहत एक विशेष विमान ने ईरान के मशहद से उड़ान भरी और शाम 4:30 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की। इस विमान में 310 भारतीय नागरिक सवार थे, जो संघर्षग्रस्त क्षेत्र में फंसे हुए थे।मिशन का संचालन ईरान स्थित भारतीय दूतावास के सहयोग से किया गया।सभी नागरिकों के चेहरे पर राहत और सुकून साफ दिखाई दे रहा था।ईरान के अलावा नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी भारत लाने की योजना है।नेपाल की विदेश मंत्री डॉ. आरजू राणा देउबा ने इस सहयोग के लिए भारत का आभार व्यक्त किया और इसे भारत-नेपाल मैत्री का प्रतीक बताया।

सुबह 3 बजे अश्गाबात से पहुंचा एक और विमान

21 जून की सुबह 3 बजे एक अन्य विमान ने तुर्कमेनिस्तान के अश्गाबात से उड़ान भरकर 517 भारतीय नागरिकों को भारत पहुंचाया। यह नागरिक पहले ईरान से तुर्कमेनिस्तान शिफ्ट किए गए थे, जहां से उनकी निकासी की गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर इसकी जानकारी दी और यात्रियों की तस्वीरें साझा कीं। यह तस्वीरें मिशन की सफलता और सरकार की तत्परता को दर्शाती हैं।

ऑपरेशन सिंधु की अब तक की प्रमुख उपलब्धियां

चरण    तारीख    नागरिकों की संख्या    स्थान

पहला बैच    18 जून 2025    110    ईरान से भारत

दूसरा बैच    21 जून 2025, तड़के    517    अश्गाबात से दिल्ली

तीसरा बैच    21 जून 2025, शाम    310    मशहद से दिल्ली

 कुल नागरिक सुरक्षित वापस लाए गए: 827 भारतीय

मिशन की अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता और मानवतावादी दृष्टिकोण

भारत का यह मिशन न केवल अपने नागरिकों की रक्षा का प्रमाण है, बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक मानवतावादी उदाहरण भी है।नेपाल और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों को भी सहयोग देना भारत की Neighborhood First Policy को दर्शाता है। यह अभियान भारत की डिप्लोमैटिक स्ट्रेंथ, एयरलिफ्टिंग कैपेबिलिटी और इमरजेंसी रिस्पॉन्स का जीवंत उदाहरण बन गया है।