Israel Attack Iran:ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत इजरायल का ईरान पर घातक हमला, परमाणु ठिकानों और शीर्ष सैन्य अधिकारियों को बनाया निशाना

Israel Attack Iran: मध्यपूर्व में तनाव चरम पर पहुँच गया है, जब इजरायल ने शुक्रवार तड़के 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के कोडनेम से ईरान के परमाणु ठिकानों और शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर सुनियोजित व सधे हुए हवाई हमले किए। इन हमलों ने ईरान की रक्षा क्षमताओं को ब

 Israel s deadly attack on Iran
ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत इजरायल का ईरान पर घातक हमला- फोटो : social Media

Israel Attack Iran: मध्यपूर्व में तनाव चरम पर पहुँच गया है, जब इजरायल ने शुक्रवार तड़के 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के कोडनेम से ईरान के परमाणु ठिकानों और शीर्ष सैन्य अधिकारियों पर सुनियोजित व सधे हुए हवाई हमले किए। इन हमलों ने ईरान की रक्षा क्षमताओं को बुरी तरह प्रभावित किया है और दोनों देशों के बीच सीधे सैन्य संघर्ष की आशंका को बढ़ा दिया है।

नतान्ज परमाणु केंद्र भी निशाने पर:

रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल के हमले में ईरान के नतान्ज स्थित मुख्य परमाणु संवर्धन केंद्र को भी निशाना बनाया गया है। शुक्रवार सुबह हुई इस कार्रवाई में इजरायल ने अपनी वायु रक्षा प्रणाली और मिसाइलों का प्रयोग करते हुए ईरान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की और सैकड़ों लड़ाकू विमानों के माध्यम से भारी तबाही मचाई।संयुक्त राष्ट्र की अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने ईरानी अधिकारियों से प्राप्त जानकारी का हवाला देते हुए बताया कि इजरायल ने ईरान के नातान्ज़ और फोर्डो स्थित भूमिगत यूरेनियम स्थलों तथा इस्फ़हान स्थित यूरेनियम रूपांतरण सुविधा पर हमले किए. सुरक्षा परिषद ने आईएईए के शीर्ष अधिकारी को चेतावनी दी है कि न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हमलों के 'गंभीर परिणाम' हो सकते हैं. 'आईएईए' के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा, "न्यूक्लियर फैसिलिटी की सुरक्षा को खतरे में डालने वाली कोई भी सैन्य कार्रवाई ईरान, क्षेत्र और उससे बाहर के लोगों के लिए गंभीर परिणाम पैदा कर सकती है."

मोसाद की महत्वपूर्ण भूमिका और 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' की सफलता:

इजरायली खुफिया एजेंसी मोसाद की बड़ी भूमिका वाले इस ऑपरेशन के जरिये न केवल ईरान की मिसाइल क्षमता को कमजोर किया गया, बल्कि उसकी हवाई रक्षा प्रणाली को भी प्रभावी ढंग से बेअसर कर दिया गया। इसके बाद इजरायली वायुसेना ने ताबड़तोड़ हमलों से ईरानी वायु क्षमता को पंगु बना दिया। बताया जा रहा है कि लंबी खुफिया तैयारी के साथ इजरायल ने ईरान के भीतर विस्फोटक ड्रोन बेस स्थापित किए थे, और शुक्रवार तड़के इन ड्रोन ने ईरान के सैन्य ठिकानों में तबाही मचाई, जिससे ईरान को भारी नुकसान उठाना पड़ा।

सटीक हमले और बड़े अधिकारियों की मौत:

इजरायल ने ईरान के सुरक्षा प्रतिष्ठानों, सैन्य अधिकारियों और परमाणु कार्यक्रम से जुड़े वैज्ञानिकों व प्रमुख लोगों पर लंबी तैयारी के बाद सटीक हमले किए। इन हमलों में कई बड़े अधिकारियों को उनके घरों में ही मार गिराया गया। ईरान की सेना प्रमुख के अलावा, ईरानी सेना की सबसे ताकतवर शाखा, रिवोल्यूशन गार्ड्स के कमांडर हौसेन सलामी की भी मौत की पुष्टि हुई है। हमले में न केवल यूरेनियम संवर्धन प्रतिष्ठान पर हमला किया गया, बल्कि कई परमाणु वैज्ञानिकों को भी मार दिया गया है, जिनमें दो महत्वपूर्ण परमाणु वैज्ञानिक शामिल हैं जिनकी मौत की पुष्टि ईरानी सरकारी मीडिया ने की है।

हमलों का औचित्य और ईरान की प्रतिक्रिया:

इजरायल का मानना था कि ईरान परमाणु हथियार बनाने के करीब है, जो उसके अस्तित्व के लिए सीधा खतरा है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने भी स्पष्ट शब्दों में ईरान पर परमाणु अप्रसार समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था। IAEA का तर्क है कि ईरान संवर्धित यूरेनियम से जुड़े प्रश्नों के तार्किक जवाब नहीं दे पाया है और उसके गुप्त परमाणु ठिकानों का पता चलने के बाद उसके परमाणु कार्यक्रम की मंशा संदिग्ध बन गई है। एक IAEA रिपोर्ट में तो यह भी दावा किया गया कि ईरान इतना यूरेनियम संवर्धित कर चुका है कि वह नौ परमाणु हथियार बना सकता है।

वहीं, ईरान ने इजरायल पर नागरिक ठिकानों पर हमला करने का आरोप लगाया है। उत्तर पूर्वी ईरान के अलावा नतान्ज परमाणु केंद्र पर भी धमाके सुने गए। जहाँ इजरायल इन हमलों को अपने अस्तित्व को बचाने की कार्रवाई बता रहा है, वहीं ईरान जवाबी कार्रवाई कर शीघ्र बदला लेने की बात कर रहा है।

नेतन्याहू की चेतावनी और मध्यपूर्व में युद्ध की आशंका:

इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ईरान को स्पष्ट रूप से चेताया है कि जब तक ईरान की ओर से खतरे की आशंका खत्म नहीं हो जाती, ये हमले आगे भी जारी रहेंगे। उन्होंने ईरान पर इजरायली क्षेत्र में सैकड़ों ड्रोन दागने का भी आरोप लगाया है।

दूसरी ओर, ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई ने अमेरिका और इजरायल को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी है। हालांकि, अमेरिकी विदेश मंत्री इस हमले में अमेरिका की सीधी भूमिका होने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिये कहा है कि ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर समझौते के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रस्ताव को बार-बार खारिज किया है।

इस घटनाक्रम से मध्यपूर्व में इजरायल और ईरान के बीच सीधे युद्ध की आशंका बढ़ गई है। कहा जा रहा है कि इजरायल और हमास, हिजबुल्लाह व हूती विद्रोहियों के बीच पहले से जारी संघर्ष से संवेदनशील बने इलाके में अब पूर्ण युद्ध की संभावना और प्रबल हो गई है। यह क्षेत्र एक नए, बड़े और विनाशकारी संघर्ष के मुहाने पर खड़ा है।