Bank News: सरकारी बैंक के MD और CEO के इस्तीफे से बाजार में हड़कंप, खुलते ही बेतरह गिरे शेयर
Bank News: सरकारी बैंक के एमडी और निदेशक ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। दो अधिकारियों के अचानक इस्तीफे से बाजार में हड़कंप मच गया और बाजार खुलते ही धड़ाम से गिर गया।

सरकारी बैंक के एमडी और निदेशक ने अचानक इस्तीफा दे दिया। दो बड़े अधिकारी के इस्तीफे से बाजार में हड़कंप मच गया। दरअसल, कर्नाटक बैंक को सोमवार को बड़ा झटका लगा जब बैंक के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) श्रीकृष्णन हरि हर सरमा और कार्यकारी निदेशक शेखर राव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस खबर के बाद बीएसई पर बैंक के शेयर में 5.61% की गिरावट दर्ज की गई और यह 196.05 रुपये पर बंद हुआ। दिन की शुरुआत में शेयर 199.50 रुपये पर खुला था और 204.83 रुपये का उच्चतम स्तर तथा 190 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ।
क्यों दिया इस्तीफा
अचानक दोनों अधिकारी के इस्तीफा देने के कारणों की बात करें तो श्रीकृष्णन सरमा ने पारिवारिक कारणों और मुंबई ट्रांसफर के चलते पद से इस्तीफा दे दिया। बैंक बोर्ड ने उनका इस्तीफा भी स्वीकार कर लिया है। उनका इस्तीफा 15 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा। वहीं, कार्यकारी निदेशक शेखर राव ने व्यक्तिगत कारणों और बंगलुरु ट्रांसफर स्वीकारने में असमर्थता के चलते इस्तीफा दिया है। जो 31 जुलाई 2025 से लागू होगा।
नए नेतृत्व की तलाश शुरू
बैंक ने एमडी और ईडी पद के लिए उत्तराधिकारियों की नियुक्ति हेतु सर्च कमिटी का गठन किया है। इस बीच, राघवेंद्र श्रीनिवास भट को बैंक का नया चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) नियुक्त किया गया है। वे 2 जुलाई 2025 से मंगलुरु मुख्यालय में अपना कार्यभार संभालेंगे।
नियामकीय निगरानी में बैंक के खर्च
इस्तीफों के बीच बैंक के कुछ वित्तीय फैसलों पर नियामकीय नजर भी पड़ी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्टैच्यूटरी ऑडिटर्स ने पाया कि ₹1.16 करोड़ की कंसल्टिंग फीस और ₹0.37 करोड़ के पूंजीगत खर्च को बोर्ड की मंजूरी के बिना पारित किया गया था। ये खर्च बैंक के पूर्णकालिक निदेशकों की अधिकृत सीमा से बाहर थे। जिस पर नियामक संस्था ने सवाल उठाए हैं। हालांकि बैंक ने इन मुद्दों को "चर्चा कर सौहार्दपूर्वक हल" कर लेने की बात कही है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि इन खर्चों से संबंधित कोई भी वसूली योग्य राशि खातों में नहीं दर्शाई गई है।
बैंक ने जारी किया बयान
वहीं कर्नाटक बैंक ने बयान जारी कर कहा है कि नेतृत्व में बदलाव के बावजूद बैंक का संचालन पूरी तरह स्थिर है और वह पूंजी के लिहाज से मजबूत स्थिति में है। बैंक ने आश्वस्त किया कि उसकी "ट्रांसफॉर्मेशन जर्नी" (बदलाव की प्रक्रिया) आगे भी जारी रहेगी।