Nobel peace prize - शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए भारत पर लगाया टैरिफ, अब ट्रंप को नोबेल कमेटी ने दे दिया जवाब
Nobel peace prize - नोबेल शांति पुरस्कार के लिए समर्थन नहीं करने पर भारत पर टैरिफ लगानेवाले यूएस प्रेसिडेंट को बड़ा झटका लगा है।

N4N desk - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नोबेल के शांति पुरस्कार के लिए समर्थन नहीं करने पर भारत के खिलाफ 50 परसेंट टैरिफ लगा दिया था। हालांकि इसके बाद भी डोनाल्ड ट्रंप की यह चाहत पूरी होती नजर नहीं आ रही है।
जहां अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने 7 युद्ध रुकवाए हैं और इसके लिए तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलना चाहिए। उनके इन बयानों से अनुमान लगाया जाता है कि वे नोबेल पुरस्कार के लिए आतुर दिख रहे हैं, लेकिन नोबेल कमेटी पर इसका कोई असर नहीं लगता।
दबाव में नहीं होता फैसला
नॉर्वे की नोबेल कमेटी का कहना है कि हम पर किसी तरह का दबाव नहीं चलता है। हम पूरी स्वायत्तता और स्वतंत्रता के साथ फैसले लेते हैं। नोबेल कमेटी के सचिव क्रिस्टियन बर्ग हार्पविकेन ने कहा, 'यह सही है कि किसी खास कैंडिडेट को लेकर मीडिया में काफी चर्चा है। लेकिन यह भी सच है कि इससे हमारे फैसले पर कोई असर नहीं पड़ता। हम अपने मानकों के अनुसार ही निर्णय लेते हैं। इसमें कोई बाहरी फैक्टर काम नहीं करता और ना ही किसी तरह का प्रेशर चलता है।'
इजरायल और हमास युद्ध भी रुकवाएंगे
जनवरी में अमेरिका की सत्ता फिर से संभालने वाले डोनाल्ड ट्रंप कई बार कह चुके हैं कि वह 6 से 7 जंग रुकवा चुके हैं। वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं। वह बराक ओबामा का भी जिक्र कर चुके हैं कि उन्हें तो यह सम्मान बहुत जल्दी मिल गया था। यही नहीं उनका कहना है कि मैं रूस और यूक्रेन के अलावा इजरायल और हमास के बीच की जंग भी रुकवाने के लिए तत्पर हूं।
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनके नाम की सिफारिश बेंजामिन नेतन्याहू और अजरबैजान के इलहाम अलियेव ने भी की है। इसके अलावा पाकिस्तान के फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने भी कहा था कि डोनाल्ड ट्रंप को नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए।
नॉमिनेशन की तारीख खत्म
बता दें कि इस साल के नोबेल पुरस्कारों का ऐलान 10 अक्तूबर को होने वाला है और डोनाल्ड ट्रंप को इस बार यह पुरस्कार मिलने की संभावना बहुत कम है। इसकी वजह यह है कि नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 31 जनवरी ही थी, जबकि उससे ठीक 11 दिन पहले ही डोनाल्ड ट्रंप ने पद संभाला था।
ऐसे में माना जा रहा है कि यदि डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर विचार भी होगा तो वह अगले साल होगा। इस बार उनके नाम के ऐलान की कोई संभावना नहीं है। जुलाई में ही नेतन्याहू ने कहा था कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का नाम आगे बढ़ाया है। इसके लिए उन्होंने नॉर्वे की नोबेल समिति को लेटर भी भेजा था।