Israel attacks Iran: तीसरे विश्व युद्ध की तरफ बढ़ रही है दुनिया! ईरान-इजरायल वॉर के बीच रूस राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जताई आशंका

Israel attacks Iran: राष्ट्रपति पुतिन ने चेतावनी दी है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है। रूस ने ईरान-इज़राइल संघर्ष पर चिंता जताई और मध्यस्थता की पेशकश की।

Israel attacks Iran
व्लादिमीर पुतिन को हुई टेंशन- फोटो : social media

Israel attacks Iran: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक अर्थव्यवस्था आधारित कार्यक्रम के दौरान एक गंभीर और चिंताजनक बयान दिया। उन्होंने कहा कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है। टकराव के कारण तेजी से बढ़ रहे हैं और हमें चेतने की आवश्यकता है। यह बयान उस समय आया है जब विश्व पहले से ही कई संवेदनशील क्षेत्रों में अस्थिरता से जूझ रहा है, जिनमें रूस-यूक्रेन युद्ध,ईरान-इज़राइल तनाव और पश्चिम एशिया में परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले प्रमुख है।

यूक्रेन और पश्चिम के साथ तनाव

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध तीसरे वर्ष में प्रवेश कर चुका है। पश्चिमी देशों के समर्थन से यूक्रेन को मिले हथियारों और प्रतिबंधों के बावजूद रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है।नाटो की पूर्वी विस्तार नीति को लेकर रूस पहले ही असंतुष्ट रहा है।अब वह इसे “पश्चिमी सैन्य उकसावे” की संज्ञा देता है।

ईरान-इज़राइल संघर्ष: पुतिन की मध्यस्थता की पेशकश

पुतिन ने ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव को लेकर भी चिंता जताई है। ईरान में रूसी विशेषज्ञ परमाणु रिएक्टरों के निर्माण में लगे हैं। ऐसे में वहां कोई भी हमला सीधे रूस की संप्रभुता और सुरक्षा को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने कहा कि रूस दोनों देशों का मित्र है।वह मध्यस्थता के लिए तैयार है ताकि संघर्ष को रोका जा सके।यह बयान अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में रूस की पुनः सक्रिय भूमिका का संकेत देता है, विशेष रूप से ऐसे समय में जब अमेरिका भी अपने अंदरूनी मामलों और चुनावों में व्यस्त है।

तीसरे विश्व युद्ध की संभावनाएं: क्या वाकई खतरा बढ़ रहा है?

पुतिन की बातों को सिर्फ डराने वाली बयानबाज़ी कहना जल्दबाज़ी होगी। जब एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र का नेता यह कहता है कि यह सब हमारी नाक के नीचे हो रहा है और हम सभी प्रभावित हो रहे हैं तो यह संकेत है कि: प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष युद्ध की संभावना अब सिर्फ कल्पना नहीं रह गई है।परमाणु प्रतिष्ठानों, मिसाइल परीक्षणों और साइबर युद्धों की तीव्रता ने शीत युद्ध जैसी स्थिति फिर पैदा कर दी है।

अफगानिस्तान भी संकट में

ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध से पूरे क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखला बाधित हुई है, जिससे अफगानिस्तान जैसे देश भी प्रभावित हो रहे हैं।तेहरान से आयात में रुकावट के कारण अफगानिस्तान ने रूस से गेहूं और अन्य खाद्य आपूर्ति की मांग की है।एक अफगान प्रतिनिधिमंडल सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के कृषि अधिकारियों से मुलाकात करेगा।यह दर्शाता है कि युद्धों का असर केवल लड़ाई तक सीमित नहीं रहता, बल्कि उसकी आर्थिक और मानवीय लहरें भी दूर-दूर तक फैलती हैं।