Bihar Teacher: बदल गया नियम,अब शिक्षकों को लगानी होगी बायोमेट्रिक हाजिरी,इसी के आधार पर बनेगा वेतन,अगले महीने से यह नियम लागू

यह निर्णय विश्वविद्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने और कार्य-शैली को नियमित करने समेत शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए किया गया है।

Bihar Teacher: बदल गया नियम,अब शिक्षकों को लगानी होगी बायोमेट्रिक हाजिरी,इसी के आधार पर बनेगा वेतन,अगले महीने से यह नियम लागू
भागलपुर के शिक्षकों को लेकर बड़ा फैसला- फोटो : freepik

Bhagalpur News: तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (TMBU) के शिक्षकों और कर्मचारियों को अब बायोमेट्रिक हाजिरी के आधार पर वेतन मिलेगा। कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने रजिस्ट्रार प्रो. रामाशीष पूर्वे को आदेश दिया है कि अगले माह से यह व्यवस्था सख्ती से लागू की जाए। यह निर्देश विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से दिया गया है।

बायोमेट्रिक हाजिरी का समय निर्धारण

सुबह: 10:30 से 10:45 बजे तक

शाम: 3:30 बजे के बाद

दोपहर 3:30 से पहले बायोमेट्रिक मशीन बंद रहेगी। यह समय सीमा पीजी और कॉलेजों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों के लिए अनिवार्य होगी।

कुलपति का निर्देश:

शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन के साथ उपस्थिति पंजी पर भी दर्ज करनी होगी। सभी विभागाध्यक्ष और प्राचार्य इस व्यवस्था को लागू करवाने के लिए जिम्मेदार होंगे।

रूटीन निर्माण पर जोर

कुलपति ने निर्देश दिया है कि नया रूटीन हाजिरी की समय सीमा को ध्यान में रखकर बनाया जाए। प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति उनके कार्य समय के अनुसार दर्ज होगी। प्रस्थान की हाजिरी विश्वविद्यालय प्रशासनिक भवन में होगी।

वन यूनिवर्सिटी, वन रूटीन, वन टीचिंग टाइम

TMBU में अब "वन यूनिवर्सिटी, वन रूटीन, वन टीचिंग टाइम" की नीति लागू होगी। सभी पीजी विभाग और कॉलेज एक ही निर्धारित समय पर वर्ग संचालन करेंगे। कॉलेज और विभाग अपनी सुविधानुसार समय में बदलाव नहीं कर पाएंगे। यह व्यवस्था शिक्षण और प्रशासनिक गतिविधियों में समानता और अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए लागू की गई है। 

शैक्षणिक सुधार और पारदर्शिता की दिशा में कदम

यह निर्णय विश्वविद्यालय में पारदर्शिता बढ़ाने और कार्य-शैली को नियमित करने समेत शैक्षणिक गुणवत्ता सुधारने के लिए किया गया है। वहीं फैसला अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।कुलपति की इस पहल से TMBU की कार्यप्रणाली में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद है।

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