Balochistan: बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान! मीर यार बलूच ने पाकिस्तान को ललकारा, भारत से मांगा दिल्ली में दूतावास, UN से शांति मिशन की मांग

Balochistan:भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीचमीर यार बलूच ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का ऐलान कर वैश्विक मंच पर सनसनी मचा दी है।

बलूचिस्तान की आजादी का ऐलान!- फोटो : meta

Balochistan: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य तनाव के बीच बलूच लेखक और कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने बलूचिस्तान की स्वतंत्रता का ऐलान कर वैश्विक मंच पर सनसनी मचा दी है। उन्होंने भारत सरकार से नई दिल्ली में बलूच दूतावास और आधिकारिक कार्यालय खोलने की अनुमति मांगी और संयुक्त राष्ट्र  से बलूचिस्तान में शांति रक्षक बल भेजने का आग्रह किया। यह घोषणा ऐसे समय में आई है, जब भारत का ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के ड्रोन-मिसाइल हमलों ने दोनों देशों के बीच तनाव को चरम पर पहुंचा दिया है। मीर यार के इस बयान ने बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) के हालिया हमलों को और हवा दी, जिससे पाकिस्तान की आंतरिक और बाहरी चुनौतियां बढ़ गई हैं।

मीर यार बलूच की घोषणा और मांगें

मीर यार बलूच, जो बलूच लोगों के अधिकारों के लिए अपनी मुखर वकालत के लिए जाने जाते हैं, ने X पर कई पोस्ट के जरिए बलूचिस्तान को "डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान" घोषित किया। उन्होंने लिखा, "पाकिस्तान का पतन निकट है। हमने अपनी स्वतंत्रता का ऐलान कर दिया है। हम भारत से अनुरोध करते हैं कि बलूचिस्तान को नई दिल्ली में आधिकारिक कार्यालय और दूतावास खोलने की अनुमति दी जाए।"

उन्होंने संयुक्त राष्ट्र से मांग की कि वह बलूचिस्तान की स्वतंत्रता को मान्यता दे और सभी सदस्य देशों की बैठक बुलाकर समर्थन जुटाए। मीर यार ने UN से तत्काल शांति मिशन भेजने और पाकिस्तानी सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस, ISI, और गैर-बलूच प्रशासकों को बलूचिस्तान छोड़ने का आदेश देने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि स्वतंत्र बलूचिस्तान की नई सरकार जल्द बनेगी, जिसमें बलूच महिलाओं की कैबिनेट में भागीदारी होगी, जो "राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता" को दर्शाएगी।

एक अन्य पोस्ट में मीर यार ने पाकिस्तान को ललकारते हुए लिखा, "ऐ नापाकिस्तान, अगर तुम्हारे पास सेना है तो हमारे पास भी बलूच सेना है। बलूच स्वतंत्रता सेनानियों का हमला जारी है।" उन्होंने डेरा बुगती में 100 से अधिक गैस कुओं वाले गैस क्षेत्रों पर BLA के हमले का जिक्र किया और दावा किया कि बलूच सेनानियों ने पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान पहुंचाया।

BLA की  कार्रवाइयां

मीर यार के बयान से पहले बलूच लिबरेशन आर्मी ने डेरा बुगती में एक हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें पाकिस्तानी सेना की गाड़ी को उड़ाया गया। BLA ने दावा किया कि इस हमले में 14 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए। इसके अलावा, BLA ने हाल ही में जाफर एक्सप्रेस ट्रेन को हाईजैक किया और बलूचिस्तान में कई बड़े हमले किए, जिनमें पाकिस्तानी सेना और सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया।BLA, जो 2000 के दशक से सक्रिय है, बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग करने और क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों पर स्थानीय नियंत्रण की मांग करता है। संगठन ने चीनी और पाकिस्तानी हितों को निशाना बनाया है, विशेष रूप से गwadar पोर्ट और CPEC परियोजनाओं को। BLA के मजीद ब्रिगेड ने आत्मघाती हमलों को अंजाम दिया है, और हाल के वर्षों में इसके हमलों में तेजी आई है।

भारत-पाकिस्तान तनाव का संदर्भ

मीर यार का यह बयान भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते सैन्य टकराव के बीच आया है। 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, जिसमें किसी पाकिस्तानी सैन्य ढांचे को निशाना नहीं बनाया गया। जवाब में, पाकिस्तान ने गुरुवार को जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात में ड्रोन, मिसाइल और भारी तोपखाने से हमले किए, जिन्हें भारत ने S-400 सिस्टम से नाकाम कर दिया। भारत ने जवाबी कार्रवाई में लाहौर, कराची और रावलपिंडी में पाकिस्तान के HQ-9 एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह किया।

पाकिस्तान ने भारत पर बलूचिस्तान में BLA को समर्थन देने का आरोप लगाया, जिसे भारत ने खारिज करते हुए कहा कि पाकिस्तान अपनी नाकामियों का ठीकरा भारत पर फोड़ रहा है। बलूच कार्यकर्ता अहमर मस्तीखान ने कहा, "अगर भारत पाकिस्तान पर हमला करता है, तो हम बलूच भारतीय सेना का स्वागत करेंगे।"

बलूचिस्तान का ऐतिहासिक और सामरिक महत्व

बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है, ऐतिहासिक रूप से स्वतंत्र रहा है। 1947 में कलात रियासत ने स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन 1948 में पाकिस्तानी सेना ने इसे जबरन अपने कब्जे में ले लिया। बलूच लोग दशकों से पाकिस्तानी सेना के दमन, जबरन गायब करने, और संसाधनों के शोषण के खिलाफ लड़ रहे हैं। बलूच वॉइस एसोसिएशन के अनुसार, 2022 तक 787 लोग लापता हो चुके हैं, जिनमें 101 महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।महरंग बलूच जैसे कार्यकर्ता और BLA जैसे सशस्त्र समूह इस आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। महरंग ने गांधीवादी तरीकों से मानवाधिकारों की लड़ाई लड़ी, लेकिन उनकी हालिया गिरफ्तारी ने बलूच आंदोलन को और भड़का दिया है।