प्रेम विवाह के लिए अब माता-पिता की सहमति होगी अनिवार्य, कैबिनेट जल्द लगा सकती है अध्यादेश पर मुहर

राज्य सरकार प्रेम विवाह के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब युवतियों को प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की आधिकारिक मंजूरी लेनी होगी। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने एक सुर में इस कदम का समर्थन किया है ताकि परिवारों को भावनात्मक परेशानी न हो।

N4N Desk - राज्य सरकार प्रेम विवाह के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। अब युवतियों को प्रेम विवाह के लिए माता-पिता की आधिकारिक मंजूरी लेनी होगी। भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने एक सुर में इस कदम का समर्थन किया है ताकि परिवारों को सामाजिक और भावनात्मक परेशानियों से बचाया जा सके।

राजनीतिक और सामाजिक समर्थन
उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी की अध्यक्षता में हुई हालिया बैठक के बाद इस प्रस्तावित अध्यादेश को कैबिनेट की मंजूरी मिल सकती है। भाजपा विधायक रमण लाल वोरा और हीरा सोलंकी के साथ कांग्रेस सांसद गेनीबेन ठाकोर ने भी इस कानून का समर्थन करते हुए कहा है कि माता-पिता के हितों की रक्षा जरूरी है। पाटीदार समाज लंबे समय से तर्क दे रहा है कि किशोरावस्था में भावनात्क निर्णयों के कारण बाद में परिवारों को पछताना पड़ता है।


नोटिस और जवाबदेही की प्रक्रिया
पाटीदार नेताओं (दिनेश बामणिया, गीता पटेल, वरुण पटेल) के सुझाव के अनुसार, भागकर शादी करने के मामलों में लड़की के आधार कार्ड वाले पते पर नोटिस भेजना अनिवार्य होगा। माता-पिता को एक माह के भीतर अपना जवाब देने का अधिकार दिया जाएगा।


फर्जी मैरिज सिंडिकेट का भंडाफोड़
जांच में सामने आया है कि उत्तर और मध्य क्षेत्र में कई ऐसे मंदिर और गिरोह सक्रिय हैं जो फर्जी पतों पर शादियां करवाते हैं। गोधरा के एक ही मंदिर के पते का उपयोग 100 से अधिक शादियों में किया गया। इस खुलासे के बाद पटवारियों और पंडितों के उन गिरोहों पर कार्रवाई की तैयारी है जो अवैध रूप से विवाह संपन्न करवाते हैं।
शादी के पंजीकरण और कानूनी सहायता के लिए आप आधिकारिक डिजिटल गुजरात पोर्टल पर नियमों की जांच कर सकते हैं।