Bangladeshi Woman: अवैध बांग्लादेशी महिला हिरासत में, निकाह कर टूरिस्ट वीजा खत्म होने के बाद यहां छुपी थी , इस तरह खुली पोल, पुलिस ने निकाह के खेल का किया खुसासा!
Bangladeshi Woman: एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक बांग्लादेशी महिला आसमाउल खां को अवैध रूप से रहने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह महिला टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी, लेकिन...
Bangladeshi Woman: एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक बांग्लादेशी महिला आसमाउल खां को अवैध रूप से रहने के आरोप में पुलिस ने हिरासत में लिया है। यह महिला टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी, लेकिन वीजा की अवधि जनवरी 2024 में समाप्त होने के बाद भी वह बांग्लादेश वापस नहीं लौटी और उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के फतेहपुर कोतवाली क्षेत्र के हसनपुर टांडा गांव में रह रही थी। मामले का खुलासा तब हुआ, जब महिला के पति ने अपनी 10 माह की बेटी के जन्म प्रमाणपत्र के लिए आधार कार्ड बनवाने की कोशिश की। इस घटना ने न केवल स्थानीय पुलिस, बल्कि इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) को भी हरकत में ला दिया है।
कैसे शुरू हुई साजिश?
हसनपुर टांडा निवासी सलमान, जो दुबई में नौकरी करता है, की दोस्ती वहां एक बांग्लादेशी युवक से हुई। इस युवक ने अपनी बहन आसमाउल खां (बांग्लादेश के कोमिला जिले के बीओ लाइन, बरुआ अड्डा निवासी रहमत अली की पुत्री) का विवाह सलमान से कराने का प्रस्ताव रखा। दो साल पहले सलमान बांग्लादेश गया और वहां आसमाउल से निकाह कर लिया। इसके बाद, उसने आसमाउल के लिए टूरिस्ट वीजा बनवाया और उसे भारत लाया। 29 अगस्त 2023 को सलमान ने गांव में दोबारा आसमाउल से निकाह रचाया। हालांकि, जनवरी 2024 में आसमाउल का टूरिस्ट वीजा समाप्त हो गया। इसके बावजूद, वह बांग्लादेश वापस नहीं लौटी और अवैध रूप से गांव में रहने लगी। सलमान और आसमाउल की एक 10 माह की बेटी अजरा भी है। 12 जनवरी 2025 को सलमान नौकरी के लिए दुबई वापस चला गया, और तब से आसमाउल अपनी सास के साथ गांव में रह रही थी।
जन्म प्रमाणपत्र ने खोली पोल
मामले का खुलासा तब हुआ, जब सलमान ने अपनी बेटी अजरा के जन्म प्रमाणपत्र के लिए दस्तावेज जुटाने शुरू किए। इसके लिए आसमाउल का आधार कार्ड जरूरी था। आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया शुरू होने पर ग्रामीणों को आसमाउल के बांग्लादेशी नागरिक होने की भनक लगी। सलमान ने ग्राम प्रधान और सचिव से परिवार रजिस्टर में आसमाउल का नाम जोड़ने और आधार कार्ड बनवाने की मांग की थी। हालांकि, ग्राम प्रधान और सचिव को इसकी जानकारी होने के बावजूद उन्होंने पुलिस को सूचना नहीं दी। ग्रामीणों ने इस मामले की शिकायत पुलिस और अन्य अधिकारियों से की, जिसके बाद मंगलवार को सीओ जगतराम कन्नौजिया के नेतृत्व में पुलिस ने हसनपुर टांडा पहुंचकर आसमाउल को हिरासत में लिया। पूछताछ में आसमाउल के पास बांग्लादेश का पहचान पत्र मिला, और उसकी अवैध रूप से रहने की बात सामने आई।
आईबी और एलआईयू की जांच शुरू
मामले की गंभीरता को देखते हुए इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू) की टीमें फतेहपुर कोतवाली पहुंची। आसमाउल को बाराबंकी के वन स्टॉप सेंटर भेजा गया, जहां जांच एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं। पुलिस और खुफिया एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या आसमाउल के भारत में अवैध रूप से रहने के पीछे कोई बड़ा नेटवर्क तो नहीं है। साथ ही, सलमान की भूमिका और बांग्लादेशी युवक के साथ उसके संबंधों की भी जांच की जा रही है।
कानूनी कार्रवाई और सवाल
पुलिस ने आसमाउल के खिलाफ अवैध रूप से भारत में रहने के आरोप में कार्रवाई शुरू कर दी है। उसके बांग्लादेशी पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच की जा रही है। इस मामले ने कई सवाल खड़े किए हैं, जैसे कि स्थानीय प्रशासन और ग्राम प्रधान ने इस मामले की जानकारी होने के बावजूद पुलिस को क्यों सूचित नहीं किया? साथ ही, टूरिस्ट वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी आसमाउल के भारत में रहने की अनुमति कैसे मिली?