Girlfriend-Boyfriend: गर्लफ्रेंड गई तो बम फोड़ दिए, मोहब्बत में मात खाए रोमियो ने रच डाली 'बारूद-लीला
Girlfriend-Boyfriend: मोहब्बत में हार जाना एक बात है, लेकिन हार कर हथियार उठाना , ये नई पीढ़ी की 'इश्किया क्रांति' है, जो पुलिस की नहीं, मनोचिकित्सक की भी चुनौती बन चुकी है।
Girlfriend-Boyfriend: सिविल लाइंस की सड़कों पर रविवार की शाम मोहब्बत की "मसालेदार महाभारत" छिड़ गई। मामला दिल का था, पर हथियार देशी बम निकले। इंटरमीडिएट के छात्रों की इस इश्किया जंग ने सारे कायदे-कानून ताक पर रख दिए और शहर के बीचोंबीच एक नया रोमांच रच दिया — "प्रेम में विस्फोट"।
बात निकली थी ‘ब्रेकअप’ से, पहुंच गई बम-ब्लास्ट तक!
प्रयागराज की कहानी किसी धारावाहिक से कम नहीं — एक छात्र था, एक छात्रा थी, और एक नया एंट्री वाला लड़का भी था। पहले वाले लड़के की दोस्ती छूटी, दूसरे से जुड़ गई। अब पहला लड़का भावनाओं से ज्यादा बारूद में दिलचस्पी लेने लगा। रविवार को जैसे ही "इमोशनल इंजरी" ने दहलीज पार की, वहीं से "फिजिकल डैमेज" का सिलसिला शुरू हो गया।बीएचएस स्कूल के सामने बाइक से आ रहे तीन युवकों को घेरकर पहले लात-घूंसे से स्वागत हुआ, फिर कोई ‘देसी डायनामाइट’ लेकर आया और मौके पर ही "ब्रेकअप बॉम्बिंग" कर दी गई।
लव ट्रायंगल बना ‘एक्शन सीन’, पुलिस पहुंची तो मिला थ्रिलर का क्लाइमेक्स
बम की आवाज ऐसी कि आसपास खड़े लोग समझे शायद कोई शूटिंग चल रही है। लेकिन जब एक छात्र जख्मी होकर हॉस्पिटल पहुंचा और लोग जान बचाकर भागे, तब समझ आया — ये कोई स्क्रिप्ट नहीं, ये प्रयागराज का "लव इन द टाइम ऑफ ट्रिगर" है।पुलिस ने मौके से कुछ युवकों को उठाया है। पूछताछ चल रही है — "प्यार में धोखा मिला था या एग्जाम में फेल हुए थे?बहरहाल पहले इश्क में चिट्ठी चलती थी, अब चल रहे हैं बम। लगता है अब आशिकों को भी आर्म्स ऐक्ट पढ़ा कर ही स्कूल में भेजना पड़ेगा। मोहब्बत में हार जाना एक बात है, लेकिन हार कर हथियार उठाना — ये नई पीढ़ी की 'इश्किया क्रांति' है, जो पुलिस की नहीं, मनोचिकित्सक की भी चुनौती बन चुकी है।